Chandigarh : प्रशासन और कैब यूनियन की बैठक में बनी सहमति, 30 सितंबर तक हड़ताल स्थगित

Chandigarh : परिवार के साथ यात्रा करने पर वर्दी के चालान से छूट, पिक-ड्रॉप समय सीमा में दी गई राहत; व्हाइट प्लेट बाइक टैक्सी और अवैध वाहनों पर होगी सख्त कार्रवाई।

Sep 24, 2024 - 11:10
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Chandigarh : प्रशासन और कैब यूनियन की बैठक में बनी सहमति, 30 सितंबर तक हड़ताल स्थगित

सज्जन कुमार, Chandigarh :  परिवार के साथ यात्रा करने पर वर्दी के चालान से छूट, पिक-ड्रॉप समय सीमा में दी गई राहत; व्हाइट प्लेट बाइक टैक्सी और अवैध वाहनों पर होगी सख्त कार्रवाई। कल चंडीगढ़ कैब ड्राइवर यूनियन और प्रशासन के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई, जिसमें यूनियन द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। यूनियन ने अपने ज्ञापन में उल्लिखित सभी चिंताओं को प्रशासन के समक्ष रखा।

बैठक के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बनी। विशेष रूप से, यदि कोई कैब चालक अपनी यात्रा के दौरान परिवार के साथ है और इसे प्रमाणित कर सकता है, तो उसे वर्दी न पहनने पर चालान से छूट दी जाएगी। साथ ही, शर्ट पर लगाई जाने वाली पट्टी को गैर-आवश्यक मानते हुए इसे हटाने का निर्णय लिया गया, जिसे यूनियन ने भी अनुचित और अव्यावहारिक बताया था।

प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्दी से संबंधित निर्देश माननीय राज्यपाल द्वारा जारी किए गए हैं, जो सभी सार्वजनिक यात्री वाहनों पर लागू होंगे, जिनमें ई-रिक्शा, बाइक टैक्सी, कैब, बस और ऑटो रिक्शा शामिल हैं। चंडीगढ़ पंजीकृत वाहनों के लिए ग्रे शर्ट, ग्रे पैंट और काले जूते अनिवार्य किए गए हैं। इस पर प्रशासन ने सभी चालकों से अनुरोध किया कि वे अपनी वर्दी जल्द से जल्द बनवाएं, जिसके लिए उन्हें 15 अक्टूबर तक का समय दिया गया है। पंजाब और हरियाणा से आने वाले बाहरी राज्य के वाहनों को राहत दी गई है, वे अपने राज्य द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड का पालन कर सकते हैं, उदाहरणस्वरूप, पंजाब में नीली शर्ट और पैंट निर्धारित की गई है।

बाइक टैक्सी संचालकों के लिए यह बैठक विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण रही, क्योंकि अब ट्रैफिक पुलिस को बाइक टैक्सी और ई-रिक्शा पर ₹10,000 तक का चालान करने का अधिकार मिल गया है। प्रशासन ने यह भी घोषणा की कि निजी व्हाइट प्लेट बाइक टैक्सी के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी, जिसके लिए एक संयुक्त कार्रवाई दल (Joint Action Team) का गठन किया गया है, जिसमें कैब और ऑटो यूनियन के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

साथ ही, सवारी पिक और ड्रॉप के दौरान होने वाले चालानों में आंशिक राहत प्रदान की गई है। अब कैब चालकों को पिक या ड्रॉप के लिए अधिकतम 5 मिनट का समय दिया जाएगा। इसके बाद, अगर कोई चालक लंबे समय तक वहीं खड़ा रहता है, तो उस पर चालान किया जाएगा। प्रशासन ने स्पष्ट रूप से चेताया है कि नो-पार्किंग जोन से पिक और ड्रॉप न किया जाए। इस समस्या के दीर्घकालिक समाधान के लिए, चंडीगढ़ कैब ड्राइवर यूनियन के अध्यक्ष अमनदीप सिंह और ऑटो यूनियन के अध्यक्ष अनिल कुमार जल्द ही नगर निगम से पिक और ड्रॉप पॉइंट्स की व्यवस्था के लिए आवेदन करेंगे, जिसमें ISBT-43, ISBT-17, सुखना लेक, रॉक गार्डन और चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन शामिल हैं।

कैब यूनियन के प्रवक्ता सुमित छाबड़ा ने कहा कि यूनियन लगातार प्रशासन के साथ संवाद बनाए हुए है और 30 सितंबर तक हड़ताल को स्थगित रखेगी, ताकि प्रशासन द्वारा किए गए वादों को पूरा होते देखा जा सके। यूनियन का यह भी मानना है कि कैब चालक स्वतंत्र पेशेवर हैं और उन पर वर्दी थोपना उनके मौलिक अधिकारों—Right to Choice और Right to Wear—का उल्लंघन है। यूनियन इस निर्णय को चुनौती देने के लिए कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रही है।

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