कांग्रेस की टिकट लेने के लिए उम्मीदवारों को पास करनी होगी परीक्षा, 90 सीट के लिए 2500 से अधिक दावेदार !

हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही सभी राजनीतिक दल अब अपने-अपने उम्मीदवारों के चयन में जुट गए है, जिससे वह जल्द से जल्द अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सके।

Aug 19, 2024 - 14:05
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कांग्रेस की टिकट लेने के लिए उम्मीदवारों को पास करनी होगी परीक्षा,  90 सीट के लिए 2500 से अधिक दावेदार !

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ :  हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही सभी राजनीतिक दल अब अपने-अपने उम्मीदवारों के चयन में जुट गए है, जिससे वह जल्द से जल्द अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सके। इन सबमें सबसे ज्यादा दिक्कत कांग्रेस में आने वाली है। कांग्रेस में हरियाणा की 90 विधानसभा सीट के लिए 2650 नेताओं की ओर से टिकट के लिए आवेदन किया गया है। अब कांग्रेस का टिकट हासिल करने वाले नेता को आवेदन के बाद पार्टी की ओर से निर्धारित परीक्षा से गुजरना होगा, जिसके बाद उसकी टिकट पर फैसला होगा। 

दूसरी परीक्षा पर चल रहा काम 

उम्मीदवारों का नाम फाइनल करने के लिए कांग्रेस ने बंगलौर की मार्केटिंग एवं मैनेजमेंट कंपनी को सर्वे का काम सौंपा हैं। कंपनी एक सर्वे पूरा कर चुकी है। दूसरे सर्वे में कंपनी प्रत्येक सीट पर पांच से आठ उम्मीदवारों के नाम शार्टलिस्ट करेगी। दूसरा सर्वे पूरा होने के बाद तीसरा सर्वे शुरू किया जाएगा। जिसमें प्रत्येक विधानसभा के लिए तीन नाम शॉर्टलिस्ट किए जाएंगे। इसी सर्वे लिस्ट के आधार पर कांग्रेस उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेंगी। इसी साल 25 मई को हुए लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस ने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व हिमाचल के सर्वे का काम इसी कंपनी को सौंपा था।

पैराशूट उम्मीदवारों भी तैयारी में

राजनीति के जानकारों की माने तो कांग्रेस में चाहे लोकसभा हो या फिर विधानसभा हर चुनाव में कुछ उम्मीदवार पैराशूट से उतारे जाते है। यानि जिन लोगों ने टिकट के लिए आवेदन भी नहीं किया होता, उन्हें दिल्ली से अचानक उम्मीदवार के तौर पर पार्टी प्रत्याशी घोषित कर दिया जाता है। पिछले कुछ चुनावों में यह देखने को भी मिला था। बीते लोकसभा चुनाव की यदि बात करें तो चुनाव में उतरे दो प्रसिद्ध चेहरे राजबब्बर और कुमारी सैलजा ने अपनी टिकट के लिए कोई आवेदन नहीं किया था। ऐसे में फिर भी इन दोनों को पार्टी की ओर से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया। सैलजा विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहती थी। इसलिए उन्होंने लोकसभा की टिकट के लिए आवेदन नहीं किया था, जबकि राज बब्बर का हरियाणा से कुछ लेना-देना नहीं था। जग जाहिर है कि भूपेंद्र हुड्डा के कहने पर ही उन्हें लोकसभा के चुनावी दंगल में हरियाणा से उतारा गया था। ऐसे में देखना होगा कि निष्पक्ष रुप से जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवार को टिकट देने का दावा करने वाली कांग्रेस में इस चुनाव में कितने उम्मीदवारों को पैराशूट के जरिए चुनावी मैदान में उतारा जाता है ?

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