हरियाणा में चुनावी ग्राउंड तैयार करने में जुटे राजनीतिक दल, CM की घोषणाओं पर लगा ब्रेक

हर राजनीतिक दल की अपेक्षा के विपरीत हरियाणा में एकाएक हुई चुनावी तारीखों की घोषणा के बाद से ही प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई है।

Aug 19, 2024 - 14:01
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हरियाणा में चुनावी ग्राउंड तैयार करने में जुटे राजनीतिक दल, CM की घोषणाओं पर लगा ब्रेक

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : हर राजनीतिक दल की अपेक्षा के विपरीत हरियाणा में एकाएक हुई चुनावी तारीखों की घोषणा के बाद से ही प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई है। इसी के चलते अब राजनीतिक दल अलर्ट मोड में आते हुए अपना चुनावी ग्राउंड तैयार करने में जुट गए है।

एक महीने पहले हुआ ऐलान

दअरसल, इस बार हरियाणा में करीब एक महीने पहले ही चुनावी तारीखों का ऐलान हो गया है, क्योंकि 2019 के विधानसभा चुनाव में आचार संहिता 21 सितंबर को लागू हुई थी और वोटिंग 21 अक्टूबर को हुई थी। इस बार अगस्त में आचार संहिता लागू होने और अक्टूबर में चुनाव की तारीख तय की गई, जबकि मौजूदा सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर तक का है। 
ऐसे में एक महीने पहले चुनावी तारीखों का ऐलान होने के साथ ही सत्तारुढ़ बीजेपी और विपक्षी दल कांग्रेस समेत अन्य सभी दल भी मौजूदा राजनीतिक हालातों को देखते हुए धरातल पर चुनावी माहौल तैयार करने में जुट गए हैं, जिससे वह चुनाव में अधिक से अधिक लाभ ले सके।

सीएम की घोषणाओं पर ब्रेक

विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लगातार प्रदेश के लिए कई प्रकार की घोषणाएं कर रहे थे। मुख्यमंत्री को भरोसा था कि चुनाव अपने तय समय पर होंगे, लेकिन अचानक हुई चुनावी तारीख की घोषणा के साथ ही मुख्यमंत्री की ओर से की जाने वाली तमाम प्रकार की घोषणाओं पर भी रोक लग गई। ऐसे में सरकार की ओर से शुरू की गई कईं योजनाएं अभी अंतिम चरण में है, जो अब या तो चुनाव आयोग की मंजूरी से ही लागू हो पाएंगी या फिर चुनाव के बाद नई सरकार उन्हें लागू करेगी ?

जनता किस पर जताएगी विश्वास

इस पर हरियाणा के चुनावी रण में दिल्ली और पंजाब में सत्तासीन आम आदमी पार्टी भी सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर चुकी है, जिसके चलते वह चुनावी तारीख की घोषणा से पहले ही अपना प्रचार भी हरियाणा में शुरू कर चुकी है। एक और जहां केजरीवाल की गारंटी के तौर पर आम आदमी पार्टी की ओर से प्रदेश के लोगों को 100 यूनिट फ्री बिजली देने का दावा किया जा रहा है। वहीं, कांग्रेस की ओर से सत्ता में आने पर 300 यूनिट फ्री बिजली देने की बात कही जा रही है। इसके अलावा अभी बीजेपी की ओर से इस प्रकार की कोई घोषणा नहीं की गई है। हालांकि मुख्यमंत्री ने चुनाव की घोषणा से पहले बीपीएल परिवारों यानि एक लाख 80 हजार रुपए सालाना आय वाले परिवारों को 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने की घोषणा की थी।

इसके अलावा इनेलो की ओर से भी 500 रुपए में गैस सिलेंडर के साथ महिलाओं को हर महीने 1100 रुपए महीना देने का दावा किया जा रहा है। इन सबके बीच देखने वाली बात होगी कि बीजेपी और पूर्व में सत्ता में उनकी सहयोगी जेजेपी की ओर से चुनाव के बाद सत्ता में आने पर जनता के लिए किए जाने वाले कामों को लेकर क्या वायदा किया जाता है ? क्यूंकि जनता भी चुनावी घोषणाओं के साथ प्रत्याशी को देखकर ही मतदान करती है। ऐसे में देखना होगा कि क्या इस बार प्रदेश में बीजेपी लगातार तीसरी बार सत्ता में आकर हैट्रिक लगा पाती है या फिर प्रदेश की जनता इस बार सूबे की सत्ता का सिंहासन किसी और को सौंपेगी ?

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