‘सत्ता के लालच’ में कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया: धामी
धामी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टी करार देते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी को राष्ट्र को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करके वह जम्मू-कश्मीर के लिए अलग झंडे और अनुच्छेद 370 की बहाली के पार्टी के वादे का समर्थन करते हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस ने ‘सत्ता के लालच’ में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया है। धामी ने कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी से 10 सवाल भी पूछे और उनसे यह बताने को कहा कि पार्टी का नेशनल कॉन्फ्रेंस और अब्दुल्ला परिवार के साथ गठबंधन क्यों है।
उन्होंने आरोप लगाया कि अब्दुल्ला ने तीन दशकों तक जम्मू-कश्मीर को पीछे धकेला और उसे बर्बाद किया।
धामी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टी करार देते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी को राष्ट्र को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करके वह जम्मू-कश्मीर के लिए अलग झंडे और अनुच्छेद 370 की बहाली के पार्टी के वादे का समर्थन करते हैं।’’
धामी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में पूछा, ‘‘गांधी और उनकी पार्टी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे जम्मू-कश्मीर को फिर से अव्यवस्था की स्थिति में धकेलना चाहते हैं। क्या वह अलगाववाद, सीमा पार आतंकवाद तथा पाकिस्तान के साथ व्यापार बहाल करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के फैसले का समर्थन करते हैं?’’
उन्होंने कांग्रेस को एक ऐसी पार्टी बताया जिसने हमेशा ‘सत्ता के लालच में देश की एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़’ किया।
धामी ने आरोप लगाया कि गठबंधन ने कांग्रेस की असली मंशा को उजागर कर दिया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दौरान झूठ फैलाया था कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार सत्ता में वापस आती है तो आरक्षण की व्यवस्था खत्म हो जाएगी। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या वह (राहुल गांधी) बताएंगे कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करके वह गुर्जर, बकरवाल और जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी लोगों के लिए कोटा समाप्त करने के उसके एजेंडे का समर्थन करते हैं?’’
जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को मतदान होना है। वोटों की गिनती चार अक्टूबर को होगी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा की थी। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद इस पूर्ववर्ती प्रदेश में पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर की इस क्षेत्रीय पार्टी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा था कि अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों के लिए कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया गया है और शेष पर सहमति बनाने के लिए बातचीत जारी है।
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