केंद्र ने हरियाणा सरकार के 2 बिल सुझावों के साथ लौटाए वापस, जानें पूरा मामला
दूसरा कानून हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल ऑफ डेड बॉडी विधेयक 2024 है, जिसमें किसी भी शव के साथ प्रदर्शन, धरना या रोड जाम करने पर 6 महीने से 5 साल तक की कैद और 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बनाए गए 2 विधेयकों को केंद्र ने सुझावों के साथ वापस कर दिया है। राष्ट्रपति को भेजने से पहले ही केंद्र ने कानून में संशोधन का सुझाव देते हुए इन्हें वापस कर दिया था। हरियाणा सरकार सत्र में इन दोनों कानूनों को वापस लेगी। इन कानूनों में हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023 भी शामिल है, जिसमें प्रदेश में संगठित अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सख्त प्रावधान किए गए थे। दूसरा कानून हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल ऑफ डेड बॉडी विधेयक 2024 है, जिसमें किसी भी शव के साथ प्रदर्शन, धरना या रोड जाम करने पर 6 महीने से 5 साल तक की कैद और 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023 जब पारित हुआ था। तब मनोहर लाल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इस विधेयक को पेश किए जाने के दौरान इतना हंगामा हुआ था कि सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी थी। तत्कालीन कांग्रेस विधायक शमशेर गोगी द्वारा विधेयक का विरोध किए जाने के बाद मनोहर लाल ने कांग्रेस से पूछा था कि वे लोगों की शांति चाहते हैं या गैंगस्टरों का साथ दे रहे हैं। हालांकि कई डॉक्टर हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल ऑफ डेड बॉडी बिल 2024 के समर्थन में थे, लेकिन कांग्रेस इस बिल के खिलाफ थी।
कांग्रेस विधायक आफताब अहमद और विधायक बी.बी. बत्रा भी इस बिल के पक्ष में नहीं थे। कांग्रेस का मानना था कि शव के साथ प्रदर्शन करने वालों को जेल भेजने और जुर्माना लगाने का कानून गलत है। उस समय कांग्रेस ने इस बिल को लाने के लिए भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी पर भी सवाल उठाए थे। कांग्रेस ने तब कहा था कि सरकार नहीं चाहती कि सरकारी सिस्टम की वजह से हुई मौतों पर मृतक के परिजन न्याय के लिए आवाज उठाएं।
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