ईरान के बंदरगाह में बड़ा धमाका, हादसे में 700 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर
बताया जा रहा है कि यह विस्फोट मिसाइल प्रणोदक बनाने में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक घटकों की खेप से जुड़ा था। विस्फोट के पीछे किसी बाहरी ताकत का हाथ होने की भी अटकलें लगाई जा रही हैं।

दक्षिणी ईरान के बंदर अब्बास में शाहिद राजाई बंदरगाह पर हुए भीषण विस्फोट से पूरा इलाका दहल गया। विस्फोट इतना विनाशकारी था कि आसमान में परमाणु बम विस्फोट की तरह बड़े-बड़े मशरूम बादल बन गए। इस विस्फोट में अब तक 14 लोगों के मारे जाने की खबर है और करीब 750 लोग घायल हुए हैं। शुरुआती विस्फोट के कुछ घंटों बाद ही आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टरों से पानी की बौछारें की गईं। बताया जा रहा है कि यह विस्फोट मिसाइल प्रणोदक बनाने में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक घटकों की खेप से जुड़ा था। विस्फोट के पीछे किसी बाहरी ताकत का हाथ होने की भी अटकलें लगाई जा रही हैं।
क्या किसी ने ईरान के भंडार को निशाना बनाया?
हालांकि, ईरान में किसी ने भी यह नहीं कहा कि विस्फोट किसी हमले का नतीजा था। लेकिन ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने बुधवार को स्वीकार किया कि 'वैध प्रतिक्रिया को भड़काने के लिए तोड़फोड़ और हत्या के प्रयासों की पिछली घटनाओं को देखते हुए हमारी सुरक्षा सेवाएं हाई अलर्ट पर हैं।' यह विस्फोट ऐसे समय में हुआ जब ईरान और अमेरिका तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर तीसरे दौर की वार्ता के लिए शनिवार को ओमान में मिले थे।
मिसाइल ईंधन चीन से आया था
बंदर अब्बास के ठीक बाहर लगी आग के कारण के बारे में बहुत कम जानकारी है, जो शनिवार रात तक जलती रही। बताया जा रहा है कि इसके कारण अन्य कंटेनरों में भी विस्फोट हुआ। सुरक्षा कंपनी ने कहा कि मिसाइल ईंधन के लिए बंदरगाह पर कथित तौर पर रसायन लाए गए थे। निजी सुरक्षा फर्म एमब्रे ने कहा कि मार्च में बंदरगाह पर 'सोडियम परक्लोरेट रॉकेट ईंधन' की खेप पहुंची थी। यह ईंधन चीन से दो जहाजों द्वारा ईरान को भेजी गई खेप का हिस्सा है, जिसके बारे में सबसे पहले जनवरी में फाइनेंशियल टाइम्स ने रिपोर्ट की थी।
मिसाइल ईंधन चीन से आया था
बंदर अब्बास के ठीक बाहर लगी आग के कारण के बारे में बहुत कम जानकारी है, जो शनिवार रात तक जलती रही। बताया जा रहा है कि इसके कारण अन्य कंटेनरों में भी विस्फोट हुआ। सुरक्षा कंपनी ने कहा कि मिसाइल ईंधन के लिए बंदरगाह पर कथित तौर पर रसायन लाए गए थे। निजी सुरक्षा फर्म एमब्रे ने कहा कि मार्च में बंदरगाह पर 'सोडियम परक्लोरेट रॉकेट ईंधन' की खेप पहुंची थी। यह ईंधन चीन से दो जहाजों द्वारा ईरान को भेजी गई खेप का हिस्सा है, जिसके बारे में सबसे पहले जनवरी में फाइनेंशियल टाइम्स ने रिपोर्ट की थी।
What's Your Reaction?






