महाकुंभ में पहुंचे ’अनाज वाले बाबा’, अपने सिर पर उगा रहे हैं फसल
’अनाज वाले बाबा’ अमरजीत का कहना है कि वो अपना संकल्प लेकर आए हैं। जिस तरह दूसरे लोग अपने स्टॉल लगा रहे हैं और अपनी रस्में निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा रुख साफ है, हमारा देश स्वतंत्र रहे।
प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में 'अनाज वाले बाबा' के नाम से मशहूर अमरजीत शाही स्नान के लिए पहुचे हैं। ’अनाज वाले बाबा’ अपने सिर पर गेहूं, बाजरा और चना जैसी फसलें उगा रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए अमरजीत पिछले पांच सालों से इन फसलों की खेती कर रहे हैं और अपने अनुयायियों को अपनी अनूठी खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ’अनाज वाले बाबा’ अमरजीत का कहना है कि वो अपना संकल्प लेकर आए हैं। जिस तरह दूसरे लोग अपने स्टॉल लगा रहे हैं और अपनी रस्में निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा रुख साफ है, हमारा देश स्वतंत्र रहे।
महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से प्रयागराज में शुरू होने जा रहा है, जो कि पौष पूर्णिमा के दिन मनाया जाएगा। यह महाकुंभ 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार होता है और इसमें लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं। इस बार के महाकुंभ में 'अनाज वाले बाबा' के नाम से मशहूर अमरजीत भी शामिल हुए हैं, जो अपनी विशेष पहचान के लिए जाने जाते हैं।
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर आयोजित होता है, जिसे तीर्थराज भी कहा जाता है। इस मेले में स्नान का विशेष महत्व है, क्योंकि मान्यता है कि पवित्र नदियों में स्नान करने से भक्तों के पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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