Fake IPS के बाद सामने आया फेक SBI ब्रांच कांड, ऐसे खुला राज

स्थानीय युवा इन चालाक लोगों के जाल में फंसते चले गए। एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक जालसाजों ने राजधानी रायपुर से 250 किलोमीटर दूर छपोरा गांव में बैंक की फर्जी शाखा खोली।

Oct 3, 2024 - 18:03
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Fake IPS के बाद सामने आया फेक SBI ब्रांच कांड, ऐसे खुला राज
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जालसाजों ने धोखाधड़ी के जरिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की फर्जी शाखा खोली और लोगों से लाखों रुपए ठग लिए। मामला छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले का है। लोगों को पता ही नहीं था कि यह शाखा फर्जी है। पूरी प्लानिंग के साथ शातिर लोगों ने युवाओं को ठगा। पहले फर्जी भर्ती की गई, फिर फर्जी ट्रेनिंग सेशन चलाए गए, जिसके लिए असली बैंक जैसा सेटअप तैयार किया गया। स्थानीय युवा इन चालाक लोगों के जाल में फंसते चले गए। एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक जालसाजों ने राजधानी रायपुर से 250 किलोमीटर दूर छपोरा गांव में बैंक की फर्जी शाखा खोली। मैनेजर, कैशियर, एग्जीक्यूटिव समेत 6 लोगों को नौकरी पर रखा। बैंक के फर्जी लेटरहेड पर इन्हें नियुक्ति पत्र जारी किए गए। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई के नाम पर ठगी की गई।

कई जिलों के युवाओं को बनाया निशाना

फर्जी घोटाले में बालोद, कोरबा, सक्ती और कबीरधाम समेत कई जिलों के बेरोजगार लोगों को निशाना बनाया गया। सरकारी नौकरी का झांसा देकर उनसे मोटी रकम ऐंठ ली गई। कुछ युवकों ने नौकरी के बदले 2 से 6 लाख रुपए तक दिए। लोगों को पता ही नहीं था कि बैंक की फर्जी शाखा खोली गई है। छपोरा गांव में यह शाखा 10 दिन तक चली। असली बैंक जैसा लुक देने के लिए नए फर्नीचर, एक्टिव काउंटर लगाए गए। किसी को शक न हो, इसके लिए एसबीआई के साइनबोर्ड भी लगाए गए। कई ग्रामीणों ने लोन और खाते खोलने की योजना भी बना ली थी।

स्थानीय ग्रामीण अजय अग्रवाल के मुताबिक उन्होंने एसबीआई कियोस्क के लिए आवेदन किया था। जब उन्हें पता चला कि बैंक की नई शाखा खुली है, तो उन्हें शक हुआ। उन्होंने एसबीआई डबरा से संपर्क किया। जांच के बाद पता चला कि उनके गांव में फर्जी शाखा खोली गई है। जालसाजों ने कुछ फर्जी दुकानें किराए पर लेकर काम शुरू कर दिया था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजेश पटेल के मुताबिक 4 आरोपियों की पहचान हो गई है। डबरा शाखा के मैनेजर ने उन्हें फर्जी शाखा के बारे में जानकारी दी थी। 

नौकरी के नाम पर ठगी

आरोपियों में मंदिर दास, रेखा साहू और पंकज शामिल हैं। इन लोगों ने खुद को फर्जी मैनेजर बताया था। ज्योति यादव नाम की लड़की ने बताया कि उसने सारे दस्तावेज जमा कर दिए हैं। आरोपियों ने कहा था कि उनकी जॉइनिंग पक्की है। उन्हें हर महीने 30 हजार रुपए सैलरी देने का वादा किया गया था। संगीता कंवर नाम की एक और पीड़िता से 5 लाख रुपए मांगे गए। संगीता ने बताया कि उसने आरोपियों को 2.5 लाख रुपए दिए थे। उसे हर महीने 35 हजार रुपए सैलरी देने का वादा किया गया था। दुकानदार योगेश साहू के मुताबिक कई लोगों ने यहां अकाउंट खुलवाने का फैसला किया था। लेकिन समय रहते फर्जी ब्रांच का पता चल गया। वरना जालसाज करोड़ों की ठगी कर सकते थे।

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