नए तरीके का फ्रॉड आया सामने, मुफ्त राशन का लालच देकर ले रहे लोगों का आधार कार्ड, फिर सीधे चीन से आ रहा कॉल
उत्तराखंड से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें जालसाजों का एक गिरोह फर्जी तरीके से लोगों के दस्तावेज जुटाता था और उससे सिम खरीदे जाते थे। इन सभी फर्जी सिम कार्ड से लोगों के साथ साइबर ठगी की जाती थी। हाल ही में इस रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है।
केंद्र सरकार पिछले कई सालों से गरीबों को मुफ्त राशन मुहैया करा रही है। सरकार का दावा है कि करीब 80 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। हालांकि, अब कुछ जालसाज भी इस योजना का फायदा उठा रहे हैं। उत्तराखंड से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें जालसाजों का एक गिरोह फर्जी तरीके से लोगों के दस्तावेज जुटाता था और उससे सिम खरीदे जाते थे। इन सभी फर्जी सिम कार्ड से लोगों के साथ साइबर ठगी की जाती थी। हाल ही में इस रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है।
एक करोड़ से ज्यादा की ठगी
दरअसल, गृह मंत्रालय और उत्तराखंड पुलिस ने मिलकर इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस सिम कार्ड फ्रॉड के जरिए एक करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की जा चुकी है। यानी ये लोग अब तक हजारों लोगों को ठग चुके हैं। इस नए तरह के फ्रॉड में सिम कार्ड खरीदने का तरीका भी काफी दिलचस्प है।
ऐसे मिलते थे सिम कार्ड
अब सिम कार्ड खरीदने के लिए किसी को भी आईडी या फोटो की जरूरत होती है। वहीं, एक व्यक्ति के आधार कार्ड पर सिर्फ 9 सिम ही खरीदे जा सकते हैं। ऐसे में ठगों का धंधा थोड़ा मंदा होने के चांस थे, लेकिन उन्होंने इसका भी हल निकाल लिया, ठग लोगों के घर जाकर उनसे सरकारी योजनाओं के नाम पर आईडी कार्ड लेने लगे, लोगों से कहा जाता था कि उन्हें मुफ्त राशन दिया जाएगा, इसी के लालच में उनका आधार कार्ड और फोटो भी ले लिया जाता था। साथ ही कुछ लोगों के बायोमेट्रिक भी ले लिए जाते थे।
हजारों सिम कार्ड विदेश भेजे जाते थे
सिम कार्ड खरीदने के बाद ये पूरा गिरोह उन्हें एक्टिवेट करवाता और फिर उनकी बोली लगाता, चीन से लेकर मलेशिया तक बैठे साइबर ठग इन्हें आसानी से खरीद लेते थे, पुलिस ने बताया कि अब तक 20 हजार से ज्यादा सिम कार्ड विदेश भेजे जा चुके हैं। जिसके बदले में इस गिरोह के लोगों ने लाखों रुपये छापे थे, पुलिस ने इन आरोपियों के पास से कई सिम कार्ड, बायोमेट्रिक डिवाइस और मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
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