26/11 मुंबई हमले का दोषी तहव्वुर राणा जल्द आएगा भारत, अमेरिकी कोर्ट ने दी हरी झंडी

26 नवम्बर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले में शामिल तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है. राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है.

Jan 1, 2025 - 14:58
Jan 1, 2025 - 15:04
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26/11 मुंबई हमले का दोषी तहव्वुर राणा जल्द आएगा भारत, अमेरिकी कोर्ट ने दी हरी झंडी
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26 नवम्बर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले में शामिल तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है. राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है. राणा, जो पाकिस्तान में जन्मे हैं, पर आरोप है कि उन्होंने इस हमले के दोषियों को मदद दी थी। इस हमले में 170 से अधिक लोग मारे गए थे और सैकड़ों लोग घायल हुए थे।

अमेरिका ने तहव्वुर राणा को सौंपने के लिए दी सहमति

अमेरिका ने हाल ही में भारत को यह आश्वासन दिया है कि वह तहव्वुर राणा को जल्द ही भारत के हवाले करेगा। राणा की गिरफ्तारी 2009 में हुई थी, और तब से वह अमेरिका में हिरासत में है। भारतीय अधिकारियों ने उसे मुंबई हमले में उसकी भूमिका के लिए दोषी ठहराने की प्रक्रिया शुरू की है।

भारत के लिए बड़ी जीत

यह कदम भारत के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है, क्योंकि इसे लेकर लंबे समय से दबाव था। भारतीय सरकार ने कई बार अमेरिका से अनुरोध किया था कि वह राणा को भारत सौंपे ताकि उसे भारतीय न्यायालयों में उचित सजा मिल सके। राणा के खिलाफ भारत में कई गंभीर आरोप हैं, जिसमें आतंकवाद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का आरोप भी शामिल है।

अमेरिका और भारत के बीच सहयोग

अमेरिका और भारत के बीच यह सहयोग दोनों देशों के बीच सुरक्षा और आतंकवाद से लड़ने के साझा प्रयासों का हिस्सा है। अमेरिका ने भारतीय अधिकारियों के साथ सहयोग करते हुए राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को गति दी है।

भारत में राणा पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी

राणा के भारत आने के बाद, उसे भारतीय अदालत में पेश किया जाएगा, जहां उसके खिलाफ 26/11 हमले में उसकी भूमिका को लेकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। भारतीय सरकार ने इस मामले में एक मजबूत कानूनी रणनीति तैयार की है ताकि दोषी को कड़ी सजा मिल सके।

भारत और अमेरिका के रिश्तों में महत्वपूर्ण कदम

यह घटना भारत और अमेरिका के बीच आपसी सहयोग को और मजबूत करने का संकेत देती है, खासकर आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई के संदर्भ में। दोनों देशों के बीच सुरक्षा और न्यायिक सहयोग ने इस मामले को एक नई दिशा दी है।

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