सुल्तानपुर लोधी में अस्थायी बांध टूटने से 16 टापू गांव जलमग्न, किसानों ने सरकार से लगाई गुहार
किसानों ने बताया कि किसानों ने दिन-रात मिट्टी डालकर बांध को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन आखिरकार कुदरत के आगे वे बेबस हो गए और पानी के तेज बहाव ने बांध तोड़ दिया, जिससे पानी तेजी से गांवों में और धान की फसल की ओर बहने लगा।
पिछले कुछ दिनों से पोग बांध से लगातार भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण ब्यास नदी में बढ़ रहे जलस्तर से चिंतित मंड क्षेत्र के किसान बाढ़ जैसे हालात को लेकर चिंतित हैं।
सुल्तानपुर लोधी के मंड बाऊपुर जदीद के निकट गांव भैणी बहादुर में अस्थायी तटबंध टूटने से सब्र का बांध टूट गया और करीब 100 फीट लंबी दरार आने से मंड क्षेत्र के करीब 16 गांवों बाऊपुर, सागर, भैणी बहादुर, भैणी कादर बख्श, रामपुर गोरे, मोहम्मदाबाद, मंड गूजरपुर, बाऊपुर कदीम आदि गांवों में पानी भर गया और हजारों एकड़ धान की फसल जलमग्न हो गई तथा पानी गांवों में घुस गया और घरों को घेर लिया। घरों में पानी घुसने पर ग्रामीण सामान और ट्रालियों पर सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करने लगे।
किसानों ने बताया कि किसानों ने दिन-रात मिट्टी डालकर बांध को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन आखिरकार कुदरत के आगे वे बेबस हो गए और पानी के तेज बहाव ने बांध तोड़ दिया, जिससे पानी तेजी से गांवों में और धान की फसल की ओर बहने लगा। जिन लोगों के घर पानी से घिर गए हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि धान की फसल के अलावा हरा चारा और सब्जियां भी बाढ़ के पानी में डूब गई हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि हरिके हेड से जल्द पानी छोड़ा जाए और मंड क्षेत्र के किसानों को राहत दी जाए।
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