वर्ल्ड IVF डे पर सुखना लेक पर हुई वॉकथॉन, संतान प्राप्ति की कारगर तकनीक के बारे में किया जागरुक

Jul 28, 2024 - 13:29
Jul 28, 2024 - 13:30
 28
वर्ल्ड IVF डे पर सुखना लेक पर हुई वॉकथॉन, संतान प्राप्ति की कारगर तकनीक के बारे में किया जागरुक
वर्ल्ड IVF डे पर सुखना लेक पर हुई वॉकथॉन, संतान प्राप्ति की कारगर तकनीक के बारे में किया जागरुक

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़:

वर्ल्ड आईवीएफ दिवस के मौके पर रविवार की सुबह सुखना लेकर पर वाकाथान का आयोजन किया गया। इस दौरान लोगों को बताया गया कि कृत्रिम रूप से गर्भ धारण की प्रक्रिया अब आसान हो गई है और आईवीएफ तकनीक माता-पिता बनने की चाह रखने वाले दंपति के लिए फायदेमंद हो सकती है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. नीरज कुमार और फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की सदस्य डॉ. पूनम व वंदना नरूला ने बताया कि आज के दौर में 6 में से 1 दंपति इनफर्टिलिटी से जूझ रहा है। 

अमूमन 10 से 15 प्रतिशत महिलाएं निसंतानता से ग्रस्त होती हैं। शादियों में बढ़ती उम्र, खराब लाइफ़ स्टाइल, मानसिक तनाव, नूक्लियर फैमिली प्रेशर व सफल कैरियर की चिंता के चलते संतान प्राप्ति बड़ा चैलेंज साबित हो रही है, लेकिन कृत्रिम रूप से गर्भ धारण की प्रक्रिया अब आसान हो गई है, व आईवीएफ तकनीक माता-पिता बनने की चाह रखने वाले दंपति के लिए फायदेमंद हो सकती है।

जीवन में आईवीएफ या टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक कारगर

संतान की आस में जगह-जगह इलाज से थक चुके नि:संतान दंपतियों के जीवन में आई.वी.एफ. या टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक कारगर है। हाल ही में किए गए शोध के मुताबिक देखा गया है कि शादी की बढ़ती उम्र, भाग-दौड़ व कैरियर बनाने के जुनून ने समाज में नि:संतानता की समस्या को बढ़ा दिया है। इस कारण लाखों महिलाओं की गोद खाली रह जाती हैं और ये बातें दंपति समाज व परिवार से छुपाते हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर वर्ष जितनी शादियां होती हैं, उनमें से 10 से 15 प्रतिशत महिलाएं नि:संतानता से ग्रस्त होती हैं।

जीन और क्रोमोजोन की जाती है विस्तृत जांच

नए टेस्ट के तहत आईवीएफ तकनीक से तैयार भ्रूण को महिला की कोख में प्रत्यारोपित करने से पहले उसके जीन और क्रोमोजोन की विस्तृत जांच की जाती है। रविवार को लगभग 100 पैरामेडिकल स्टाफ व डॉक्टरों ने लेक पर चंडीगढ़ के रेजिडेंट को आई वी एफ की जागरूकता के लिए वाकाथान का आयोजन किया। डॉ. पूनम ने बताया कि आईवीएफ तकनीक को आम लोगों की पहुंच तक बनाने के लिए कई तरह के नए शोध किए जा रहे है। चिकित्सा जगत के पास भ्रूण की जांच के अन्य तरीके भी उपलब्ध हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow