उत्तरकाशी: सुरंग में फंसे श्रमिकों को जल्द निकालने की उम्मीदें बढ़ीं, मशीन ने सुरंग में मलबे को 12 मीटर तक भेदा

उत्तरकाशी में एक निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए लगातार छठे दिन भी प्रयास जारी है। सभी मजदूरों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए विदेशी तकनीकी मशीनों का भी सहारा लिया जा रहा है।

भारी और अत्याधुनिक ऑगर मशीन ने बृहस्पतिवार को सिलक्यारा सुरंग में मलबे को 12 मीटर तक भेद दिया जिससे पिछले चार दिनों से अधिक समय से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों के जल्द बाहर आने की उम्मीदें बढ़ गयीं।

अधिकारियों ने शाम को कहा कि मलबे में ड्रिलिंग करने से बने रास्ते में छह मीटर का एक स्टील पाइप डाल दिया गया है जबकि दूसरा पाइप लगाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि योजना यह है कि ड्रिलिंग के जरिए मलबे में रास्ता बनाते हुए उसमें 800 मिमी और 900 मिमी व्यास के बड़े पाइपों को एक के बाद एक ऐसे डाला जाएगा जिससे मलबे के दूसरी ओर एक ‘एस्केप टनल’ बन जाए और श्रमिक उसके माध्यम से बाहर आ जाएं।

इससे पहले, मंगलवार देर रात एक छोटी ऑगर मशीन से मलबे में ड्रिलिंग के दौरान भूस्खलन होने से काम को बीच में रोकना पड़ा था । बाद में वह ऑगर मशीन भी खराब हो गयी थी ।

इसके बाद भारतीय वायु सेना के सी-130 हरक्यूलिस विमानों के जरिए 25 टन वजनी अत्याधुनिक बड़ी ऑगर मशीन दो हिस्सों में दिल्ली से उत्तरकाशी पहुंचाई गयी जिससे अब दोबारा ड्रिलिंग शुरू की गयी है ।

नई शक्तिशाली ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू करने से पहले बचाव अभियान की सफलता के लिए सिलक्यारा सुरंग के बाहर पूजा भी संपन्न की गयी ।

घटनास्थल पर बचाव कार्यों का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे केंद्रीय नागर विमानन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवत्त) वीके सिंह ने मजदूरों को बाहर निकालने के अभियान के पूरा होने के लिए अधिकतम समयसीमा ‘दो या तीन दिन’ बताई ।

हालांकि राज्य भर में बन रही सभी सुरंगों की समीक्षा का निर्णय लेने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बचाव अभियान के पूरा होने के समय को लेकर अधिक आशान्वित दिखे ।