44 साल की शादी का अंत, करनाल के बुजुर्ग दंपति ने जीवन के 7वें दशक में लिया तलाक

करनाल जिले के एक बुजुर्ग दंपति ने 44 साल लंबे वैवाहिक जीवन को समाप्त कर लिया है। 70 वर्षीय पति और 73 वर्षीय पत्नी ने 18 साल की कानूनी लड़ाई के बाद तलाक का फैसला लिया। पति ने सेटलमेंट के तौर पर अपनी पत्नी को 3 करोड़ रुपये दिए हैं।

Dec 17, 2024 - 11:39
Dec 17, 2024 - 11:45
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44 साल की शादी का अंत, करनाल के बुजुर्ग दंपति ने जीवन के 7वें दशक में लिया तलाक

करनाल जिले के एक बुजुर्ग दंपति ने 44 साल लंबे वैवाहिक जीवन को समाप्त कर लिया है। 70 वर्षीय पति और 73 वर्षीय पत्नी ने 18 साल की कानूनी लड़ाई के बाद तलाक का फैसला लिया। पति ने सेटलमेंट के तौर पर अपनी पत्नी को 3 करोड़ रुपये दिए हैं। इस उम्र में लिए गए तलाक के इस फैसले ने कई लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।

18 साल की कानूनी लड़ाई के बाद अलगाव

यह मामला कोर्ट में पिछले 18 सालों से चल रहा था। पति का आरोप था कि उनकी पत्नी मानसिक क्रूरता करती है, जिसके कारण वह मानसिक रूप से परेशान हो गए थे। वहीं, पत्नी ने भी अपनी तरफ से कई आरोप लगाए। हालांकि, अंततः दोनों ने आपसी सहमति से तलाक लेने का निर्णय लिया। कोर्ट ने इस मामले में पति को 3 करोड़ रुपये सेटलमेंट के रूप में पत्नी को देने का आदेश दिया, जिसके बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए।

जीवन के अंतिम पड़ाव में बड़ा फैसला

आमतौर पर इस उम्र में जहां लोग जीवनसाथी के साथ सुखद और शांतिपूर्ण जीवन की उम्मीद करते हैं, वहीं इस दंपति ने अलग होने का बड़ा फैसला लिया। 70 वर्षीय पति का कहना था कि वह अपनी 73 वर्षीय पत्नी के व्यवहार से तंग आ चुके थे। मानसिक तनाव और निरंतर झगड़ों ने उनके रिश्ते को इतना खराब कर दिया कि तलाक ही एकमात्र समाधान बचा। उन्होंने बताया कि उनकी मानसिक शांति के लिए यह कदम जरूरी था।

समाज में जागरूकता का एक नया पहलू

इस फैसले ने बुजुर्गों की मानसिक स्वास्थ्य और वैवाहिक समस्याओं पर एक नई बहस छेड़ दी है। कई लोग मानते हैं कि तलाक सिर्फ युवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि किसी भी उम्र में अगर रिश्ता बोझ बन जाए, तो उससे अलग होना एक सही कदम है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामले समाज में बुजुर्गों की जरूरतों और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता को उजागर करते हैं।

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