हरियाणा की बीजेपी सरकार के 9 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर, 2019 में विज और बनवारी लाल को छोड़कर सभी मंत्री हार गए थे चुनाव 

हरियाणा विधानसभा के चुनाव में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत उनकी कैबिनेट के नौ मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। हालांकि कुछ मंत्रियों को पार्टी की ओर से इस बार टिकट नहीं दिया गया है। सरकार के अधिकांश मंत्रियों को चुनावी दंगल में अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल रही है।

Oct 7, 2024 - 08:25
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हरियाणा की बीजेपी सरकार के 9 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर, 2019 में विज और बनवारी लाल को छोड़कर सभी मंत्री हार गए थे चुनाव 
हरियाणा की बीजेपी सरकार के 9 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर, 2019 में विज और बनवारी लाल को छोड़कर सभी मंत्री हार गए थे चुनाव 
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चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़:

हरियाणा विधानसभा के चुनाव में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत उनकी कैबिनेट के नौ मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। हालांकि कुछ मंत्रियों को पार्टी की ओर से इस बार टिकट नहीं दिया गया है। सरकार के अधिकांश मंत्रियों को चुनावी दंगल में अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। 2019 के विधानसभा चुनाव में भी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अलावा उनकी कैबिनेट से केवल अनिल विज और डॉ. बनवारी लाल ही चुनाव जीत पाए थे, जबकि शेष सभी मंत्री चुनाव हार गए थे। 

बीजेपी की ओर से 2019 के चुनाव में उस समय के उद्योग मंत्री विपुल गोयल और पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर को तब भाजपा ने टिकट नहीं दिए थे। इस बार विपुल गोयल फरीदाबाद और राव नरबीर बादशाहपुर विधानसभा सीट से चुनावी रण में हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करनाल की बजाय इस बार लाडवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। जहां उनके मुकाबले में कांग्रेस के मेवा सिंह दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने नायब सिंह सैनी को अपना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर रखा है। 

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक जिले की गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किए जाने के बावजूद हुड्डा के समर्थक उन्हें और सैलजा के समर्थन उन्हें मुख्यमंत्री घोषित कर रहे हैं। जगाधरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर को कांग्रेस के मोहम्मद अकरम खान से कड़ी चुनौती मिल रही है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े आदर्श पाल की ओर से भी मामले की त्रिकोना बना दिया गया है।

बल्लभगढ़ विधानसभा सीट पर उद्योग मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा की राह आसान है, लेकिन कांग्रेस की पराग शर्मा और कांग्रेस की ही बागी पूर्व सीपीएस शारदा राठौर उनकी राह में बाधा बनी हुई हैं। लोहारू विधानसभा सीट पर वित्त मंत्री जेपी दलाल और कांग्रेस के राजबीर फरटिया में मुकाबला है। हिसार में नागरिक उड्डयन मंत्री डा. कमल गुप्ता को भाजपा की बागी पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल, कांग्रेस के रामनिवास राडा और भाजपा के दूसरे बागी तरुण जैन से कड़ी चुनौती मिल रही है। 

सावित्री जिंदल कुरुक्षेत्र के भाजपा सांसद नवीन जिंदल की माता हैं। आम आदमी पार्टी के संजय सातरोडिया भी मुकाबले में हैं। पानीपत ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ रहे सहकारिता राज्य मंत्री महिपाल ढांडा को कांग्रेस के सचिन कुंडू टक्कर दे रहे हैं। अंबाला शहर में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री असीम गोयल की राह में कांग्रेस के पूर्व मंत्री निर्मल सिंह चुनौती पेश कर रहे हैं। नांगल चौधरी से चुनाव लड़ रहे सिंचाई एवं जल संसाधन राज्य मंत्री डा. अभय सिंह की राह आसान है, जिनके सामने कांग्रेस की मंजू चौधरी चुनाव लड़ रही हैं।

थानेसर से चुनाव लड़ रहे शहरी निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा को कांग्रेस के पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा तगड़ी चुनौती दे रहे हैं। अशोक अरोड़ा पिछला चुनाव सिर्फ चार सौ मतों के अंतर से हारे थे। नूंह से चुनाव लड़ रहे खेल राज्य मंत्री संजय सिंह को कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद कड़ी चुनौती दे रहे हैं। आफताब अहमद कांग्रेस सरकार में परिवहन मंत्री भी रह चुके हैं। उनका इलाके में अच्छा रसूख है। 

आम आदमी पार्टी की राबिया किदवई और इनेलो-बसपा गठबंधन के ताहिर मुकाबले को रोचक बना रहे हैं। हरियाणा विधानसभा के स्पीकर रह चुके डा. ज्ञानचंद गुप्ता को पंचकूला में कांग्रेस के पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई कड़ी टक्कर दे रहे हैं। विधानसभा उपाध्यक्ष रहे रणबीर गंगवा को बरवाला में कांग्रेस के रामनिवास घोड़ेला टक्कर दे रहे हैं।

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