पंजाब कृषि और किसान कल्याण विभाग ने पंजाब में 2 उर्वरक कंपनियों के लाइसेंस किए रद्द
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार राज्य के किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली कृषि इनपुट सुनिश्चित करने के लिए नकली उर्वरकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करते हुए, पंजाब कृषि और किसान कल्याण विभाग ने राज्य में सहकारी समितियों को घटिया डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की आपूर्ति करने के लिए 2 उर्वरक कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।
जिन कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं, उनमें मेसर्स मध्य भारत एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड और मेसर्स कृष्णा फॉस्केम प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। यह जानकारी देते हुए पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि इन कंपनियों द्वारा मार्कफेड को सप्लाई किए गए डी.ए.पी. स्टॉक से 40 नमूने एकत्रित किए गए।
इनमें से 24 नमूने उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के अनुसार गैर-मानक पाए गए तथा 2 नमूनों के परिणाम अभी भी प्रतीक्षित हैं। उन्होंने कहा कि आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार को भी इस बारे में सूचित कर दिया गया है।
गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि कृषि विभाग ने राज्य भर में गुणवत्ता नियंत्रण अभियान शुरू किया है और वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 4700 उर्वरक नमूनों का परीक्षण करने का लक्ष्य रखा है।
कृषि एवं किसान कल्याण निदेशक जसवंत सिंह ने बताया कि गुणवत्ता नियंत्रण अभियान के तहत अब तक उर्वरकों के 1004 नमूने एकत्रित कर जांच के लिए विभिन्न प्रयोगशालाओं में भेजे गए हैं।
कृषि मंत्री ने कृषि निदेशक को निर्देश दिए कि वे किसानों को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध करवाने के लिए कृषि आदानों की आपूर्ति की समीक्षा करें। निदेशक ने बताया कि जिलों में लक्ष्य के अनुसार उर्वरकों की सैंपलिंग लगातार की जा रही है तथा डीएपी (18:46) व अन्य उर्वरकों की आवक पर निगरानी रखी जा रही है।
गुरमीत सिंह खुड्डियां ने सभी जिला प्रमुखों को निर्देश दिए कि यदि उन्हें घटिया/नकली खाद या किसी अन्य कृषि उत्पाद के बारे में कोई शिकायत मिलती है तो वे प्राथमिकता के आधार पर उचित कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी की ओर से लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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