नायब सैनी मंत्रिमंडल के सहयोगियों पर गिरेगी गाज, आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों को टिकट का खतरा

हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर गहमागहमी बढ़ चुकी है। टिकटों को लेकर घमासान जारी है। नायब सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रिमंडल सहयोगियों पर तलवार लटकी है। इनमें तीन कैबिनेट और चार राज्य मंत्री शामिल हैं। बता दें कि हरियाणा के कृषि मंत्री और भाजपा के पुराने नेताओं में शामिल कंवर पाल गुर्जर की टिकट पर भी संकट के बादल छाए है।

Sep 4, 2024 - 10:40
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नायब सैनी मंत्रिमंडल के सहयोगियों पर गिरेगी गाज, आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों को टिकट का खतरा
नायब सैनी मंत्रिमंडल के सहयोगियों पर गिरेगी गाज, आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों को टिकट का खतरा

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़: 

हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर गहमागहमी बढ़ चुकी है। टिकटों को लेकर घमासान जारी है। नायब सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रिमंडल सहयोगियों पर तलवार लटकी है। इनमें तीन कैबिनेट और चार राज्य मंत्री शामिल हैं। बता दें कि हरियाणा के कृषि मंत्री और भाजपा के पुराने नेताओं में शामिल कंवर पाल गुर्जर की टिकट पर भी संकट के बादल छाए है। 2014 में चुनाव जीतने के बाद विधानसभा अध्यक्ष बने गुर्जर ने 2019 में फिर जीत हासिल की और वे शिक्षा मंत्री। 12 मार्च को सरकार में हुए बदलाव के बाद उन्हें कृषि मंत्री बना दिया गया। 

इससे पहले वे छछरौली (खत्म हो चुका हलका) से भी विधायक बन चुके हैं। गुर्जर संघ पृष्ठभूमि के है और पुराने भाजपाइयों में उनकी गिनती होती है। गुर्जर की जगह इस बार संघ पृष्ठभूमि के ही एडवोकेट मुकेश गर्ग को जगाधरी से चुनाव लड़वाए जाने की चर्चाएं हैं। वहीं मनोहर सरकार में लॉ आयोग के सदस्य रहे मुकेश गर्ग वर्तमान में हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) के सदस्य हैं। मुकेश गर्ग यमुनानगर कोर्ट में लम्बे समय तक प्रेक्टिस भी करते रहे हैं। इसी तरह प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री बनवारी लाल की टिकट पर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। 

शिक्षा मंत्री पर भी गिर सकती है गाज 

बड़खल से दो बार की विधायक शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा की टिकट पर भी खतरे के बादल हैं। 2014 में विधायक बनने के बाद उन्हें मनोहर सरकार में मुख्य संसदीय सचिव बनाया गया। वहीं अब नायब सरकार में वे शिक्षा मंत्री हैं। सीमा त्रिखा की जगह बड़खल से रेणु भाटिया का नाम भाजपा गलियारों में चल रहा है। हरियाणा के परिवहन तथा महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री असीम गोयल भी मझदार में लटके हैं। 

2014 में इंदी से विधायक बने कर्णदेव काम्बोज, मनोहर सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री रहे। 2019 के चुनावों में भाजपा ने रादौर से सिटिंग विधायक श्याम सिंह राणा की टिकट काटकर उनकी जगह कर्णदेव काम्बोज को रादौर शिफ्ट कर दिया था। श्याम सिंह राणा इनेलो में शामिल हो गए थे और अब सीएम नायब सिंह सैनी की अगुवाई में भाजपा में वापसी कर चुके हैं। राणा का नाम रादौर से चर्चाओं में है।

बंतो पर सढ़ौरा से लगा सकते हैं दांव

बंतो कटारिया को सढ़ौरा हलके से विधानसभा चुनाव लड़वाया जा सकता है। यहां से वर्तमान में कांग्रेस की रेणु बाला विधायक है। भाजपा सदौरा से बंतों कटारिया के अलावा जिला शिक्षा अधिकारी पद से वीआरएस लेने वाली सुमन का नाम भी चर्चाओं में है। 

स्वास्थ्य मंत्री को भी संकट

स्वास्थ्य मंत्री व हिसार से विधायक डॉ. कमल गुप्ता की टिकट पर भी तलवार लटकी है। भाजपा इस बार हिसार से नये चेहरे को मैदान में उतारनी चाहती है। इस बार नवीन जिंदल की माता सावित्री जिंदल या पत्नी शालू जिंदल में से किसी को भी हिसार से टिकट मिल सकता है। पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्य मंत्री संजय सिंह को टिकट मिल पाएगी, इस पर भी दुविधा है।

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