विधायक रंधावा और डीसी आशिका जैन ने पराली ना जलाने वाले किसानों को किया सम्मानित

विधायक कुलजीत सिंह रंधावा और डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने पराली को जलाए बिना उसका प्रबंधन करने वाले 50 किसानों को पर्यावरण संरक्षण के राजदूत के रूप में सम्मानित किया। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से जिला प्रशासन द्वारा डेराबस्सी सब डिवीजन के नाहर औद्योगिक परिसर लेहली में आयोजित एक प्रभावशाली समारोह में डेराबस्सी के विधायक कुलजीत सिंह रंधावा ने कहा कि हमें ऐसे रोल मॉडल को बढ़ावा देने की जरूरत है, ताकि अन्य किसानों को भी जागरूक किया जा सके।

Sep 21, 2024 - 10:22
 7
विधायक रंधावा और डीसी आशिका जैन ने पराली ना जलाने वाले किसानों को किया सम्मानित
विधायक रंधावा और डीसी आशिका जैन ने पराली ना जलाने वाले किसानों को किया सम्मानित

विधायक कुलजीत सिंह रंधावा और डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने पराली को जलाए बिना उसका प्रबंधन करने वाले 50 किसानों को पर्यावरण संरक्षण के राजदूत के रूप में सम्मानित किया। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से जिला प्रशासन द्वारा डेराबस्सी सब डिवीजन के नाहर औद्योगिक परिसर लेहली में आयोजित एक प्रभावशाली समारोह में डेराबस्सी के विधायक कुलजीत सिंह रंधावा ने कहा कि हमें ऐसे रोल मॉडल को बढ़ावा देने की जरूरत है, ताकि अन्य किसानों को भी जागरूक किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमें महंगे उपायों की बजाय सरल खेती पद्धतियों का पालन करना चाहिए ताकि हम कर्ज और अन्य दुखों से मुक्त जीवन जी सकें। 

उन्होंने कहा कि भगवंत मान सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि देकर धान की सीधी बुवाई को बढ़ावा देकर घटते जल स्तर को बचाने के लिए किए गए प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि हमें फसल अवशेषों को आग नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि यह मृदा और हमारे वनस्पतियों एवं जीव-जंतुओं के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा किए गए प्रयासों को भी अपनाना चाहिए। उन्होंने नाहर इंडस्ट्रीज के प्रबंधन से स्थानीय युवाओं को मिल में रोजगार उपलब्ध कराकर उन्हें समायोजित करने की भी अपील की। विधायक रंधावा के अनुरोध को स्वीकार करते हुए नाहर ग्रुप के कार्यकारी निदेशक अभिनव ओसवाल ने इस महान कार्य के लिए एक युवक को खेल में शामिल किया।

उपायुक्त आशिका जैन ने सम्मानित हुए किसानों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य पराली को आग लगाए बिना उसका प्रबंधन करने का सशक्त संदेश देना है। जिला प्रशासन किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी उपलब्ध कराकर खेतों में आग लगाने की बुरी प्रथा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके लिए कृषि एवं सहकारिता विभागों को किसानों के पास उपलब्ध मशीनरी की मैपिंग करने को कहा गया है ताकि उन्हें अन्य रास्ता अपनाने की जरूरत न पड़े। पीपीसीबी अधिकारियों और स्थानीय पुलिस अधिकारियों को भी किसानों को धान की पराली न जलाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के कड़े आदेशों से अवगत कराने के लिए कहा गया है।

उन्होंने कहा कि हम उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां पिछले साल बहुत अधिक मामले सामने आए थे। उन्होंने कहा कि आग लगने की घटनाओं का ग्राफ साल दर साल कम होता जा रहा है, क्योंकि किसान पराली को आग लगाने की बुरी प्रथा से परहेज कर रहे हैं। इस अवसर पर हरजीत सिंह, भूपिंदर सिंह बदरपुर, तरजिंदर सिंह सैदपुर और कुलविंदर सिंह सोहाना जैसे किसानों ने पराली को आग लगाए बिना उसके प्रबंधन के अपने अनुभव साझा किए। सम्मानित करने वाले किसानों में हरजीत सिंह धीरेमाजरा, गुरलाला सिंह धर्मगढ़, जय सिंह जंडली, प्रदीप सिंह, केवल कृष्ण, नवजोत सिंह धीरेमाजरा और कमलप्रीत सिंह शामिल थे। इस अवसर पर एडीसी विराज एस तिड़के, एसडीएम डेराबस्सी डॉ. हिमांशु गुप्ता, एएसपी डेराबस्सी जयंत पुरी, पर्यावरण अभियंता रणतेज शर्मा, मुख्य कृषि अधिकारी गुरमेल सिंह और तहसीलदार बीरकरण सिंह मौजूद थे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow