भारत ने पाकिस्तान को UNSC में घेरा, आंतकवाद के लिए ठहराया जिम्मेदार
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद UNSC के सत्र में अफगानिस्तान में पाकिस्तान के हमलों की कड़ी निंदा की।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद UNSC के सत्र में अफगानिस्तान में पाकिस्तान के हमलों की कड़ी निंदा की। भारत ने कहा कि इन हमलों में महिलाओं, बच्चों और स्थानीय क्रिकेट खिलाड़ियों की मौत हुई है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनि हरीश ने कहा कि पाकिस्तान की ‘व्यापार और परिवहन आतंकवाद’ की नीति चिंताजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान अफगानिस्तान से लगी सीमाओं को बार-बार बंद कर देता है, जिससे इस जमीनी देश की आर्थिक और व्यापारिक स्थिति और खराब हो जाती है।
सीमा पर दोबारा भड़की झड़पें
इस सप्ताह की शुरुआत में तालिबान और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच नई झड़पें हुईं। दो महीने पहले दोनों देशों ने शांति पर सहमति जताई थी, लेकिन अब दोनों एक-दूसरे पर संघर्षविराम तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। यह संघर्ष उस समय शुरू हुआ जब पाकिस्तान ने अक्टूबर की शुरुआत में काबुल पर हवाई हमला किया था। इसके जवाब में अफगानिस्तान ने भी पलटवार किया, जिससे हालात बिगड़ गए।
कतर और तुर्की की मध्यस्थता में हुआ था संघर्षविराम
लगातार चल रही झड़पों के बीच 19 अक्टूबर को कतर और तुर्की की मध्यस्थता में दोनों देशों ने संघर्षविराम पर सहमति जताई थी। हालांकि, तालिबान सरकार का कहना है कि नई हिंसा की शुरुआत पाकिस्तान ने की और काबुल को मजबूरी में जवाब देना पड़ा।
WTO मानकों का उल्लंघन
संयुक्त राष्ट्र में अपने बयान में पर्वतनेनि हरीश ने कहा, “चारों तरफ से घिरे देश के लिए रास्ता बंद कर देना, जब उसके लोग पहले से गंभीर चुनौतियों से जूझ रहे हों, WTO स्टैंडर्ड्स और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। ऐसे धमकी भरे कदम संयुक्त राष्ट्र चार्टर के भी खिलाफ हैं।” भारत ने कहा कि वह अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और स्वतंत्रता का पूर्ण समर्थन करता है।
भारत ने आंतकवाद पर जताई चिंता
भारत ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे ऐसे कदम उठाएं जिससे अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और द रेसिस्टेंस फ्रंट जैसे आतंकी संगठन सीमा पार सक्रिय न हो सकें। भारत ने कहा कि वह अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है और इस मुद्दे पर वैश्विक सहयोग की जरूरत है।
2021 के बाद की सबसे गंभीर झड़पें
2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद यह संघर्ष सबसे गंभीर सैन्य टकराव माना जा रहा है। इस बार की झड़पें तब और अहम हो गईं, जब अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत की यात्रा पर थे। विशेषज्ञों का मानना है कि इस टकराव ने दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति को और जटिल बना दिया है।
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