Himachal Pradesh : वक्फ बोर्ड का गठन न करने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार, मार्च 2026 तक मांगा जवाब
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य में वक्फ बोर्ड के गठन में देरी और नियमों की अनदेखी करने पर राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य में वक्फ बोर्ड के गठन में देरी और नियमों की अनदेखी करने पर राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सरकार से इस संबंध में जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 9 मार्च 2026 को तय की गई है।
वक्फ अधिनियम की अनदेखी पर PIL
यह मामला एक जनहित याचिका (PIL) के जरिए अदालत के संज्ञान में लाया गया। याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार वक्फ अधिनियम, 1995 के प्रावधानों की उल्लंघन कर रही है, जिसके कारण वक्फ संपत्तियों के रखरखाव और प्रबंधन पर संकट पैदा हो गया है। याचिका में बताया गया कि 14 दिसंबर 2022 को राज्य सरकार ने वक्फ अधिनियम की धारा 99 के तहत मौजूदा वक्फ बोर्ड को भंग कर दिया था।
हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगते हए कहा कि अब तक नए वक्फ बोर्ड का गठन क्यों नहीं किया गया और अंतरिम व्यवस्था को वैधानिक प्रक्रिया के तहत कैसे उचित ठहराया जा सकता है। अदालत ने कहा कि वक्फ अधिनियम के तहत बोर्ड का गठन एक वैधानिक और जरूरी प्रक्रिया है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
बोर्ड का गठन होने पर संपत्तियों का प्रबंधन मुश्किल
याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि नियमों के तहत पूर्ण बोर्ड के गठन के बिना वक्फ संपत्तियों का सही प्रबंधन असंभव है। उन्होंने कहा कि बोर्ड की अनुपस्थिति में न तो संपत्तियों की उत्पत्ति, आय और उपयोग का रिकॉर्ड सुरक्षित रह पाएगा और न ही यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि वक्फ की आय उसी उद्देश्य के लिए खर्च की जा रही है, जिसके लिए उसे स्थापित किया गया था।
What's Your Reaction?