शंभू बॉर्डर खुलने पर फिर से दिल्ली कूच करेंगे किसान, संगठनों ने अलग-अलग बुलाई बैठक, सुप्रीम कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

Jul 13, 2024 - 08:00
 16
शंभू बॉर्डर खुलने पर फिर से दिल्ली कूच करेंगे किसान, संगठनों ने अलग-अलग बुलाई बैठक, सुप्रीम कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
शंभू बॉर्डर खुलने पर फिर से दिल्ली कूच करेंगे किसान, संगठनों ने अलग-अलग बुलाई बैठक, सुप्रीम कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
Advertisement
Advertisement

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़:

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश दिए जाने के बाद किसान संगठन एक बार फिर से एक्टिव हो गए हैं। हाईकोर्ट के फैसले के बाद किसान संगठन दिल्ली कूच को लेकर अपनी आगे की रणनीति बनाने को लेकर जल्द ही मीटिंग करने वाले हैं। हालांकि किसान संगठन अलग-अलग दिनों में अपने-अपने स्तर पर ये मीटिंग करेंगे, जिसमें दिल्ली कूच को लेकर फैसला लिया जाएगा। इसी बीच बड़ा सवाल ये भी है कि क्या चुनाव नजदीक होने के बावजूद हरियाणा सरकार कोर्ट के फैसले पर अमल करते हुए बॉर्डर से बैरिकेड हटाने का रिस्क लेगी ? वहीं, मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए हरियाणा सरकार पर सवाल उठाए है कि कोई भी राज्य सरकार किसी हाइवे का ट्रैफिक कैसे रोक सकती है?

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर दिए गए आदेश की पालना करना हरियाणा सरकार के लिए आसान नहीं होगा। सरकार को डर है कि यदि बैरिकेड हटाकर रास्ता साफ कर दिया गया तो पंजाब के किसान फिर से दिल्ली कूच कर सकते हैं, जिसे लेकर किसान संगठनों ने अपनी रणनीति बनानी भी शुरू कर दी है। बैरिकेड हटाने के बाद आंदोलनकारी किसान अपने निजी वाहनों की बजाए पहले की तरह से ही ट्रैक्टर-ट्रालियों के जरिए दिल्ली की ओर कूच करने की जिद्द कर सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो हरियाणा सरकार के लिए कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालना मुश्किल हो सकता है, जिसके चलते शंभू बॉर्डर पर पिर से बैरिकेड लगाने पड़ सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है सरकार

हरियाणा में अक्तूबर माह में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में सरकार किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति और टकराव से बचाने के लिए कई प्रकार के विकल्प पर विचार कर रही है। ऐसे में हरियाणा सरकार या तो इस बारे में पंजाब सरकार से बातचीत कर उन्हें किसानों से बातचीत के लिए राजी किया जाए। पंजाब सरकार अपनी ओर से किसानों से बात कर उन्हें दिल्ली कूच ना करने के लिए राजी करे। इसके अलावा यदि किसान दिल्ली जाना ही चाहते हैं तो वह बस, कार या ट्रेन के जरिए जाए, लेकिन किसान इसके लिए तैयार होंगे, इसके आसार कम ही नजर आते हैं।

हरियाणा सरकार के पास दूसरा विकल्प यह है कि वह हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाए। इसके लिए सरकार एडवोकेट जनरल की भी राय ले रही है। सुप्रीम कोर्ट में जाकर दलील दे सकती है कि कानून व्यवस्था की स्थिति संभालना राज्य का मामला होता है। ऐसे में बैरिकेड हटाने का फैसला भी सरकार पर छोड़ा जाना चाहिए। इसे लेकर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता का भी कहन है कि सरकार सभी पहलुओं पर विचार कर और सभी पक्षों की सुविधा के लिए कोई उचित फैसला लेगी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला भी शामिल हो सकता है।

रणनीति बनाने में जुटे किसान संगठन

शंभू बार्डर पर महीनों से धरने पर बैठे किसान हाई कोर्ट के आदेश के बाद नई रणनीति बनाने में जुटे हैं। किसान संगठनों ने अलग-अलग दिनों में बैठक कर फैसला लेने की बात कही है। एमएसपी खरीद गारंटी कानून मोर्चा के हरियाणा संयोजक व भाकियू लोकशक्ति के प्रदेशाध्यक्ष जगबीर घसोला ने हाईकोर्ट के फैसले को किसानों की जीत बताते हुए कहा कि 14 जुलाई को शंभू व खनौरी बॉर्डर के किसानों के साथ किसान संगठनों की मीटिंग होगी और इसमें एमएसपी सहित कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने का भी निर्णय लिया जा सकता है। वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि दिल्ली कूच करने के मामले पर दोनों किसान संगठनों की 16 जुलाई को बैठक बुलाई है, उसी बैठक में ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

दिल्ली जाने के लिए गांवों में भेजे संदेश

हाईकोर्ट के आदेश के बाद शंभू व खनौरी बॉर्डरों पर डटे किसानों के हौसले सातवें आसमान पर हैं। आगे की रणनीति पर विचार के लिए 16 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा की तरफ से बैठक की जाएगी। भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के प्रधान रणजीत सिंह सवाजपुर ने कहा कि गांवों में संदेश भेजे जा रहे हैं कि हो सकता है कि अगले कुछ दिनों में दिल्ली के लिए कूच करना पड़े। इसलिए गांवों में किसानों को अपनी ट्रॉलियों व राशन लेकर बॉर्डर पर आने के लिए तैयार होने को कहा जा रहा है।

पंजाब की तरफ धरना दे रहे किसान

बता दें कि सरकार की ओर से कोर्ट में दलील दी गई थी कि शंभू बॉर्डर के समीप 400 से 500 किसान धरना दे रहे हैं, जिससे अंबाला के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। शंभू बॉर्डर के पास पंजाब की तरफ किसान पिछले 5 माह से धरना दे रहे हैं। यहां पर चंडीगढ़ दिल्ली नेशनल हाईवे कंक्रीट की दीवार और बैरिकेड की वजह से बंद है और लोगों को अंबाला चंडीगढ़ आने जाने में परेशानी हो रही है। इसके अलावा, अंबाला में व्यापार पर भी असर पड़ रहा है।

मंत्री भी कर चुके हैं बॉर्डर खुलवाने की मांग

हरियाणा के परिवहन मंत्री असीम गोयल भी बॉर्डर खुलवाने की मांग को लेकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह से भी मुलाकात कर चुके है। इसके अलावा अंबाला के कईं व्यापारिक संगठन और कांग्रेस के कार्यकर्ता बॉर्डर खुलवाने को लेकर प्रदर्शन भी कर चुके हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

पिछले 6 महीने से बंद पड़े शंभू बॉर्डर पर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार पर कड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी राज्य सरकार हाइवे कैसे बंद सकती है ? बॉर्डर को तुरंत खोलना चाहिए और कानून व्यवस्था को बनाए रखना चाहिए। शंभू बॉर्डर को खोलने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार हाइवे के यातायात को कैसे रोक सकती है? कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार का काम है कि वह यातायात को नियंत्रित करे। हम कह रहे हैं कि बॉर्डर को खुला रखें लेकिन उसको नियंत्रित भी करें। देश की शीर्ष अदालत ने कहा कि किसान भी इसी देश के नागरिक हैं। सरकार का काम है कि उन्हें भोजन और अच्छी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराए। कोर्ट ने कहा कि किसान आएंगे, नारे लगाएंगे और वापस चले जाएंगे। दरअसल, किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शन कर रहे 22 वर्षीय युवक की मौत की न्यायिक जांच के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की।

ये है मामला

गौरतलब है कि किसानों द्वारा MSP की गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली कूच का एलान किया गया था। इसी कारण हरियाणा सरकार द्वारा शंभू बॉर्डर पर हाईवे को बंद कर दिया गया था और रूट को डाइवर्ट कर दिया गया था। किसानों द्वारा बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस द्वारा कार्रवाई कर किसानों को खदेड दिया गया। पंजाब के एक किसान की खनौरी बॉर्डर पर गोली लगने से मृत्यु हो गई थी। पिछले 6 महीनों से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं। बॉर्डर बंद होने से आम जनता को भारी परेशानियों का सामना उठाना पड़ रहा है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow