सीएम मान का सपना हर खेत तक पानी पहुंचाना: मंत्री बरिंदर कुमार गोयल

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का सपना राज्य के हर खेत तक पानी पहुंचाना है और इस संबंध में जल स्रोत विभाग की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। जल संसाधन विभाग की परिचयात्मक बैठक की अध्यक्षता करते हुए जल संसाधन मंत्री बरिन्दर कुमार गोयल ने विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे नई नीतियां बनाते समय लोगों के लाभ को सर्वोपरि रखें।

Oct 2, 2024 - 09:59
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सीएम मान का सपना हर खेत तक पानी पहुंचाना: मंत्री बरिंदर कुमार गोयल
सीएम मान का सपना हर खेत तक पानी पहुंचाना: मंत्री बरिंदर कुमार गोयल
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मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का सपना राज्य के हर खेत तक पानी पहुंचाना है और इस संबंध में जल स्रोत विभाग की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। जल संसाधन विभाग की परिचयात्मक बैठक की अध्यक्षता करते हुए जल संसाधन मंत्री बरिन्दर कुमार गोयल ने विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे नई नीतियां बनाते समय लोगों के लाभ को सर्वोपरि रखें। भूजल संरक्षण को समय की मांग बताते हुए मंत्री ने कहा कि नहरी पानी का उपयोग अधिकतम स्तर तक किया जाना चाहिए।

मंत्री ने इसे भी गर्व की बात बताया कि पिछले दो वर्षों के दौरान 4200 किलोमीटर लंबाई वाले कुल 15914 जल चैनलों को बहाल किया गया है। जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार ने मंत्री को अवगत करवाते हुए बताया कि राज्य के 94 गांवों में पहली बार पानी पहुंचा है, जबकि 49 गांवों में 35-40 वर्षों के बाद पानी पहुंचा है। इसके अलावा, लगभग 414 किलोमीटर बंद पड़ी नहरों को बहाल किया गया है और नहर टूटने के दौरान किसानों को बचाने के लिए 100 एस्केप का निर्माण किया जा रहा है।

मंत्री ने अधिकारियों को तटबंधों की मजबूती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और इस संबंध में प्रधान सचिव ने उनके संज्ञान में लाया कि 2023-24 के लिए नहरों और जलमार्गों की मरम्मत का कार्य मनरेगा के तहत 228 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। प्रधान सचिव ने मंत्री के ध्यान में यह भी लाया कि मालवा, दशमेश और मलेरकोटला नाम की 3 नहरें प्रस्तावित/निर्माणाधीन हैं और इसके अलावा, नदियों/नालों/नालों/खाड़ियों के लिए पहली बार अधिसूचना जारी की गई है ताकि अवैध कब्जों की पहचान और उन्हें हटाने में मदद मिल सके। इसके अलावा, 1536 करोड़ रुपये की लागत से दो नई लिफ्ट सिंचाई योजनाएँ लागू की गई हैं। 

इसके अलावा, प्रक्रिया को सरल बनाने, मुकदमेबाजी को कम करने और परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए 1873 के अधिनियम की जगह एक नया नहर अधिनियम बनाया जा रहा है। प्रमुख सचिव ने बताया कि किसानों को विभाग से संबंधित मामलों के लिए ऑनलाइन आवेदन करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से ई-सिंचाई नामक एक ऐप भी शुरू किया गया है। विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए मंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता पर जोर दिया और कहा कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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