प्रीत साहित्य सदन द्वारा पुस्तक विमोचन एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन

प्रीत साहित्य सदन, लुधियाना में पुस्तक विमोचन एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता डॉ. पूनम सपरा ने की। इस समारोह में रमा शर्मा ने मनोज धीमान की पुस्तक 'बिरजू नाई की दुकान' (उपन्यास) पर पेपर पढ़ा। रमा शर्मा ने ममता जैन द्वारा मनोज धीमान की दूसरी पुस्तक 'जागते रहो' (लघुकथा संग्रह) पर उनकी अनुपस्थिति में लिखे पेपर को भी पढ़ा। 

Oct 1, 2024 - 08:53
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प्रीत साहित्य सदन द्वारा पुस्तक विमोचन एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन
प्रीत साहित्य सदन द्वारा पुस्तक विमोचन एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन
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प्रीत साहित्य सदन, लुधियाना में पुस्तक विमोचन एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता डॉ. पूनम सपरा ने की। इस समारोह में रमा शर्मा ने मनोज धीमान की पुस्तक 'बिरजू नाई की दुकान' (उपन्यास) पर पेपर पढ़ा। रमा शर्मा ने ममता जैन द्वारा मनोज धीमान की दूसरी पुस्तक 'जागते रहो' (लघुकथा संग्रह) पर उनकी अनुपस्थिति में लिखे पेपर को भी पढ़ा। 

दोनों पेपरों में मनोज धीमान की पुस्तकों पर विस्तार से चर्चा की गई और इन पुस्तकों में उठाए गए कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बात पर चर्चा की गई कि 'बिरजू नाई की दुकान' में किस तरह कई कहानियों को उपन्यास के रूप में पिरोया गया है और एक साथ कई मुद्दों को उठाने की कोशिश की गई है। 'जागते रहो' पुस्तक में दर्ज कई लघुकथाओं की अंदरूनी परतों को एक-एक करके खोला गया।

सीमा भाटिया ने मनजीत कौर मीत की पुस्तक 'आवाज़' (कहानी संग्रह) पर पेपर पढ़ा और कहानियों की विशेषताओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में महिलाओं और समाज से जुड़ी समस्याओं और मुद्दों को उठाया गया है। कार्यक्रम को मनोज धीमान और मनजीत कौर 'मीत' ने भी संबोधित किया और अपने और अपने लेखन के बारे में जानकारी दी। 

दोनों ने कहा कि वे समाज, देश, दुनिया और आसपास के माहौल में घट रही घटनाओं से अपने लेखन के लिए विषय लेते हैं। मनोज धीमान ने कहा कि उनका अगला उपन्यास तकनीक पर आधारित होगा जिस पर उन्होंने काफी काम किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह उपन्यास अगले साल पाठकों के हाथों में होगा।

मंच संचालन करते हुए मनोज प्रीत ने मनोज धीमान और मनजीत कौर 'मीत' को उनकी नई पुस्तकों के लिए बधाई दी तथा प्रीत साहित्य सदन की गतिविधियों के बारे में बताया कि इस तरह के साहित्यिक कार्यक्रम पिछले 30-35 वर्षों से आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में पुस्तकों पर शोधपत्र पढ़े गए तथा दूसरे सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें संजीव डावर व अन्य ने अपनी कविताएं सुनाईं।

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