एड्स के प्रति स्वयं को जागरूक होने के साथ-साथ समाज के अन्य लोगों को भी जागरूक करने की आवश्यकता

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में एचआईवी एड्स को लेकर एक दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हरियाणा राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी, राष्ट्रीय सेवा योजना व हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के एनएसएस प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर एवं एनएसएस अधिकारियों ने भाग लिया।

Aug 3, 2024 - 12:42
 22
एड्स के प्रति स्वयं को जागरूक होने के साथ-साथ समाज के अन्य लोगों को भी जागरूक करने की आवश्यकता
एड्स के प्रति स्वयं को जागरूक होने के साथ-साथ समाज के अन्य लोगों को भी जागरूक करने की आवश्यकता

एमएच वन ब्यूरो, चंडीगढ़:

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में एचआईवी एड्स को लेकर एक दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हरियाणा राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी, राष्ट्रीय सेवा योजना व हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के एनएसएस प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर एवं एनएसएस अधिकारियों ने भाग लिया। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि एड्स के प्रति स्वयं को जागरूक होने के साथ-साथ समाज के अन्य लोगों को भी जागरूक करने की जरूरत है। एड्स एक लाइलाज बीमारी है और जागरूकता ही इसका इलाज है। उन्होंने कहा कि देश को वर्ष 2030 तक एचआईवी एड्स से मुक्त करने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि एनएसएस युवाओं का एक ऐसा प्लेटफार्म है जो लोगों को जागरूक करने में अहम भूमिका निभा रहा है। एनएसएस ने बाढ़, रक्तदान, स्वच्छता और  समाज में जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार में विशेष योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी की स्थिति कितनी भयावह है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विश्व में लगभग चार करोड़ लोग एचआईवी से संक्रमित है। हरियाणा में 56 हजार से अधिक लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर एचआईवी एड्स की जागरूकता बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है ताकि इस बीमारी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करके संक्रमण की दर को कम किया जा सके।

उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी द्वारा एचआईवी एड्स को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। एड्स बिना जांच किए ब्लड ट्रांसफर, नशीली दवाओं का सेवन, एचआईवी संक्रमित सिरिंज व सूई का दूसरे के द्वारा प्रयोग, एक से अधिक लोगों से यौन संबंध रखने से फैलता है। उन्होंने बताया कि एड्स की जांच के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व सिविल अस्पताल में समुचित प्रबंधन किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जांच करवाने वाले व्यक्ति का नाम गोपनीय रखा जाता है और संक्रमित व्यक्ति के उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष प्रबंध किए गए हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow