35 साल की नौकरी करने के बाद 15 हजार रुपए महीना पेंशन सम्मान जनक नहीं: अश्वनी दत्ता

Aug 10, 2024 - 08:11
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35 साल की नौकरी करने के बाद 15 हजार रुपए महीना पेंशन सम्मान जनक नहीं: अश्वनी दत्ता
35 साल की नौकरी करने के बाद 15 हजार रुपए महीना पेंशन सम्मान जनक नहीं: अश्वनी दत्ता

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़:

हरियाणा के पूर्व पत्रकार और उद्योगपति अश्वनी दत्ता ने चंडीगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना। चौटाला परिवार के साथ कईं पीढ़ियों का साथ होने के कारण दत्ता अकसर ओपी चौटाला का हालचाल जानने के लिए उनसे मुलाकात करते रहते हैं। इस दौरान अश्वनी दत्ता ने सरकार की ओर से पत्रकारों को दी जा रही 15 हजार रुपए की पेंशन की राशि को नाकाफी बताते हुए उसे बढ़ाकर 30 से 35 हजार करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि 35 से 40 साल की नौकरी करने के बाद 15 हजार रुपए महीना पेंशन के रूप में मिलता है। इसलिए सरकार को इस राशि को बढ़ाकर 30 से 35 हजार रुपए करना चाहिए, जिससे पत्रकार भी सम्मान महसूस कर सके।

धरणी और मेहता लगातार उठा रहे आवाज

उन्होंने कहा कि मीडिया वेलबिंग एसोसिएसन के अध्यक्ष चंद्रशेखर धरणी और महासचिव डॉ. सुरेंद्र मेहता के सार्थक प्रयासों के चलते पत्रकारों की कईं मांगे सरकार ने मानी है। दत्ता ने कहा कि धरणी और मेहता दोनों ही लगातार पत्रकारों के हित में सरकार के समक्ष उनकी मांगे उठाते रहते हैं। कोई धरना या प्रदर्शन किए बिना ही वह सरकार से अपनी कईं मांगों को मनवाने में सफल भी रहे हैं। इनके प्रयासों का ही नतीजा है कि अब सरकार ने पत्रकारों की पेंशन से संबंधित दो मांगों को पूरा किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वह आगे भी इसी प्रकार से पत्रकारों के हित में आवाज उठाते हुए उन्हें सम्मान दिलाने का कार्य करते रहेंगे।

चौटाला परिवार से हैं पुश्तों के संबंध

अश्वनी दत्ता ने बताया कि उनके परिवार का चौटाला परिवार के साथ पुश्तों से संबंध है। उनके दादा बोधराज दत्ता का चौधरी देवीलाल और उनके पिता ओपी दत्ता का चौधरी देवीलाल और ओम प्रकाश चौटाला के साथ भाईचारा था। ओपी दत्ता के देहांत के बाद से भी दोनों परिवारों की मित्रता यथावत कायम है। इसलिए वह भी हमेशा ओपी चौटाला का कुशलक्षेम जानने के लिए आते रहते हैं। ओपी चौटाला के अलावा अभय सिंह और उनके बेटों करण व अर्जुन के साथ भी उनके पारिवारिक संबंध है। उन्होंने बताया कि जब वह ओपी चौटाला से मिलने के लिए आए तो उनसे मिलने के लोगों की भीड़ लगी हुई थी। ओपी चौटाला भी अपने हंसमुख स्वभाव के साथ सभी से मिल रहे थे। आपसी मुलाकात के दौरान उन्होंने कई पुरानी यादे भी आपस में ताजा की।

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