सॉफ्टवेयर पर करना होगा 5 सेकंड का Video अपलोड, तभी मिलेगा प्रदूषण प्रमाण पत्र
विभाग ने सॉफ्टवेयर का ट्रायल शुरू कर दिया है। नए बदलाव एक महीने के अंदर सभी केंद्रों पर लागू कर दिए जाएंगे। इस सॉफ्टवेयर को वाहन पोर्टल से भी जोड़ा जाएगा, ताकि विभाग किसी भी समय पूरा डाटा चेक कर सके। इसके अलावा सभी प्रदूषण जांच केंद्रों को जीपीएस से भी जोड़ा जा रहा है
पंजाब सरकार का परिवहन विभाग राज्य के सभी प्रदूषण जांच केंद्रों को एक सॉफ्टवेयर से जोड़ने जा रहा है, जिसके बाद फर्जी प्रदूषण प्रमाण पत्र (PUC) जारी नहीं हो सकेंगे। सभी केंद्रों को सॉफ्टवेयर पर 5 सेकंड का वीडियो अपलोड करना होगा, जिससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि वाहन की जांच के बाद ही प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
विभाग ने सॉफ्टवेयर का ट्रायल शुरू कर दिया है। नए बदलाव एक महीने के अंदर सभी केंद्रों पर लागू कर दिए जाएंगे। इस सॉफ्टवेयर को वाहन पोर्टल से भी जोड़ा जाएगा, ताकि विभाग किसी भी समय पूरा डाटा चेक कर सके। इसके अलावा सभी प्रदूषण जांच केंद्रों को जीपीएस से भी जोड़ा जा रहा है। इससे अब सभी जांच केंद्र तय आवंटित जगह से संचालित हो सकेंगे। सड़क किनारे खड़े वाहनों में नहीं कर सकेंगे जांच विभाग के अनुसार अब प्रदूषण जांच केंद्रों का काम जीपीएस की मदद से तय जगहों पर ही होगा।
पहले ऐसे मामले भी सामने आ रहे थे कि सड़क किनारे खड़े वाहनों में उपकरण ले जाकर वाहनों की प्रदूषण जांच का काम किया जा रहा था। हाईवे किनारे इस तरह के काम होने से दुर्घटना होने का भी खतरा रहता था। अब कोई भी व्यक्ति तय स्थान के अलावा किसी अन्य स्थान से केंद्रों का संचालन नहीं कर सकेगा। ऐसे मामलों को जीपीएस से पकड़ा जाएगा और विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश में चल रहे 800 प्रदूषण जांच केंद्र
फिलहाल प्रदेश के विभिन्न जिलों में 800 प्रदूषण जांच केंद्र चल रहे हैं। पहले परिवहन विभाग अपने स्तर पर इन केंद्रों को अपग्रेड करने का काम कर रहा था। यही वजह है कि पिछले साल इस संबंध में इच्छुक एजेंसियों से आवेदन भी मांगे गए थे, लेकिन बाद में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) की ओर से इन्हें अपग्रेड कर दिया गया। यही वजह है कि अब विभाग ने एनआईसी के साथ मिलकर नए प्रावधान का ट्रायल शुरू कर दिया है। केंद्रों को ऑनलाइन करने का काम विभाग ने पहले ही पूरा कर लिया था। अब जांच के बाद वाहन मालिक के नंबर पर सूचना के लिए मैसेज भी भेजा जाएगा।
परिवहन विभाग प्रदूषण केंद्रों पर कुछ बदलाव करने जा रहा है। इन्हें जीपीएस से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही फर्जी प्रमाण पत्र प्रक्रिया को रोकने के लिए नए प्रावधान भी किए गए हैं। नए सॉफ्टवेयर का ट्रायल शुरू हो गया है। इसे जल्द ही क्रियान्वित किया जाएगा।
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