जब युद्ध का सायरन बजे तो तुरंत करें ये काम
यह 120 से 140 डेसिबल की तेज आवाज के साथ बजता है। इसकी आवाज इतनी तेज होती है कि इसे 5 किलोमीटर तक सुना जा सकता है।

युद्ध के दौरान तेज आवाज वाला सायरन बजाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को युद्ध से होने वाले नुकसान के बारे में सचेत करना है। उन्हें सुरक्षित रखना है। हवाई हमलों की चेतावनी देना है। ब्लैकआउट अभ्यास करना है। युद्ध सायरन आम हॉर्न या एंबुलेंस की आवाज से अलग होता है। यह 120 से 140 डेसिबल की तेज आवाज के साथ बजता है। इसकी आवाज इतनी तेज होती है कि इसे 5 किलोमीटर तक सुना जा सकता है।
जब सायरन बजे तो क्या करें?
जब युद्ध सायरन की आवाज आए तो सबसे पहले घबराएं नहीं, शांत मन से स्थिति का आकलन करें.
तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाएं. बेसमेंट या मजबूत इमारत में जाएं. अगर आश्रय उपलब्ध न हो, तो घर के बीच वाले हिस्से में, खिड़कियों से दूर रहें.
- युद्ध सायरन बजने पर सबसे पहले घबराएं नहीं, शांत मन से स्थिति का आकलन करें।
- तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं। बेसमेंट या किसी मजबूत इमारत में चले जाएं। अगर आश्रय उपलब्ध न हो तो घर के बीच वाले हिस्से में रहें, खिड़कियों से दूर रहें।
- किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे छिप जाएं। सिर और गर्दन को हाथों या किसी वस्तु से ढक लें।
- स्थानीय प्रशासन या आपातकालीन सेवाओं के लिए रेडियो, टीवी या मोबाइल अलर्ट सुनें।
- सायरन बंद होने और प्रशासन से अनुमति मिलने तक सुरक्षित स्थान पर रहें।
- प्राथमिक उपचार की व्यवस्था अपने साथ रखें। जैसे पानी, खाना, प्राथमिक उपचार किट, टॉर्च और जरूरी दवाइयां पास में रखें।
- अपने परिवार के सदस्यों के संपर्क में रहें।
- खिड़कियां और दरवाजे बंद कर दें।
- बिजली और गैस बंद कर दें।
- जरूरी सामान अपने पास रखें। जैसे- पहचान पत्र, जरूरी दस्तावेज, मोबाइल चार्जर और नकदी एक छोटे बैग में तैयार रखें।
- बच्चों और बुजुर्गों का ख्याल रखें।
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