बांग्लादेश में एक बार फिर भड़की हिंसा, शेख हसीना के विरोधी हादी की मौत पर भड़की हिंसा

प्रदर्शनकारियों ने सरकारी और राजनीतिक ठिकानों के साथ-साथ मीडिया संस्थानों को भी निशाना बनाया है। कई जिलों में भारी आगजनी, तोड़फोड़ और नारेबाजी की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे पूरे देश में दहशत का माहौल बन गया है।

Dec 19, 2025 - 08:38
Dec 19, 2025 - 14:00
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बांग्लादेश में एक बार फिर भड़की हिंसा, शेख हसीना के विरोधी हादी की मौत पर भड़की हिंसा

बांग्लादेश में कट्टरपंथी नेता और इंकलाब मंच के संयोजक शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देशभर में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। राजधानी ढाका समेत कई बड़े शहरों में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी और राजनीतिक ठिकानों के साथ-साथ मीडिया संस्थानों को भी निशाना बनाया है। कई जिलों में भारी आगजनी, तोड़फोड़ और नारेबाजी की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे पूरे देश में दहशत का माहौल बन गया है।

‘प्रथोम आलो’ और ‘डेली स्टार’ के दफ्तरों में आगजनी

हिंसक भीड़ ने बांग्लादेश के प्रमुख अखबार प्रथोम आलो और डेली स्टार के दफ्तरों पर हमला कर दिया। पहले कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई और फिर उनमें आग लगा दी गई। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन इमारतों में कई लोग फंसे हुए थे। दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और आग बुझाने का प्रयास जारी है।

एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, इन इमारतों के बाहर सेना और पैरामिलिट्री बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) की तैनाती की गई थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। सुरक्षा बलों ने भीड़ को समझाने और हटाने की कोशिश की, लेकिन हालात काबू में नहीं आ सके।

शेख मुजीबुर रहमान के पैतृक घर पर फिर हमला

प्रदर्शनकारियों ने ढाका के धनमंडी-32 इलाके में स्थित उस ऐतिहासिक घर को भी निशाना बनाया, जो बांग्लादेश के संस्थापक और आजादी के नायक शेख मुजीबुर रहमान का पैतृक निवास है। यह वही स्थान है, जहां पहले भी कम से कम तीन बार हमला हो चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार भी इमारत में आगजनी और लूटपाट की गई। गौरतलब है कि शेख मुजीबुर रहमान, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता थे और यह स्थान बांग्लादेश के इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।

अवामी लीग के दफ्तरों पर हमले

हादी की मौत के बाद भड़के गुस्से का सबसे ज्यादा निशाना सत्तारूढ़ अवामी लीग बनी। ढाका समेत देश के कई हिस्सों में अवामी लीग के दफ्तरों पर हमले किए गए, जहां तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आईं। राजधानी की सड़कों पर देर रात तक नारेबाजी, आगजनी और हिंसा जारी रही।

शाहबाग़ चौराहे पर हजारों समर्थक, हालात बेकाबू

जैसे ही सिंगापुर के अस्पताल में हादी की मौत की पुष्टि हुई, हजारों की संख्या में उनके समर्थक शाहबाग़ चौराहे पर इकट्ठा हो गए। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर हादी की सुरक्षा में नाकामी का आरोप लगाया और उन्हें “शहीद” घोषित करते हुए न्याय की मांग की। हालांकि, कुछ ही समय में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हिंसक हो गया और भीड़ ने कई इलाकों में आगजनी शुरू कर दी।

भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर के आवास पर पत्थरबाजी

हिंसा की आग ढाका से बाहर भी फैल गई। चट्टोग्राम में भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर के आवास पर पत्थरबाजी की गई। प्रदर्शनकारियों ने खुले तौर पर भारत विरोधी और अवामी लीग विरोधी नारे लगाए। रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार रात करीब 11 बजे प्रदर्शनकारी खुलशी परिसर के बाहर जमा हुए और “भारतीय आक्रामकता खत्म करो” तथा “अवामी लीग से जुड़े लोगों को पकड़ो और मार डालो” जैसे उकसावे भरे नारे लगाए।

गोली मारकर की गई थी हादी की हत्या

आपको बता दें कि शरीफ उस्मान हादी, इंकलाब मंच के प्रवक्ता और एक प्रमुख छात्र नेता थे। उन्हें पिछले शुक्रवार को ढाका के बिजोयनगर इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान सिर में गोली मारी गई थी। हालत गंभीर होने पर उन्हें एयरलिफ्ट कर सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान गुरुवार को उनकी मौत हो गई। इंकलाब मंच ने गुरुवार रात फेसबुक पोस्ट के जरिए उनकी मौत की पुष्टि की, जिसके बाद ही पूरे बांग्लादेश में प्रदर्शन भड़क उठे।

मोहम्मद यूनुस की शांति की अपील

इस बीच अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने नागरिकों से कानून अपने हाथ में न लेने का आग्रह किया और भरोसा दिलाया कि हादी की हत्या में शामिल लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। यूनुस ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित करने का ऐलान किया है। इस दौरान देशभर की मस्जिदों में विशेष प्रार्थनाएं की जाएंगी।

देशभर में दहशत का माहौल

लगातार हो रही हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं ने बांग्लादेश को एक बार फिर अस्थिरता की ओर धकेल दिया है। राजधानी ढाका समेत कई शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, लेकिन हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती कानून-व्यवस्था को बहाल करना और हिंसा पर जल्द काबू पाना है।

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