Uttarakhand : सरकारी स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों का पाठ अनिवार्य, CM धामी ने किया ऐलान
यह निर्णय मई 2025 से चल रही पहलों का हिस्सा है, जब सीएम धामी ने गीता को पाठ्यचर्या में शामिल करने के निर्देश दिए थे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा करते हुए बताया कि राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों का पाठ अनिवार्य किया गया है। यह पहल छात्रों को भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों और जीवन दर्शन से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके।
घोषणा का विवरण
प्रत्येक स्कूल की सुबह की प्रार्थना सभा में छात्रों को रोजाना एक श्लोक अर्थ सहित सुनाया जाएगा, साथ ही उसके वैज्ञानिक दृष्टिकोण की जानकारी भी दी जाएगी। शिक्षक सप्ताह के श्लोक की घोषणा करेंगे और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत इसे लागू किया जा रहा है।
निर्देशों में यह भी स्पष्ट कहा गया है कि श्रीमद्भागवत गीता के उपदेश केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांख्य, मनोविज्ञान, तर्कशास्त्र, व्यवहार विज्ञान और नैतिक दर्शन पर आधारित हैं। इन्हें धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण से संपूर्ण मानवता के लिए उपयोगी बताया गया है, ताकि छात्र इसे व्यापक जीवन दृष्टि के रूप में समझ सकें।
पृष्ठभूमि
यह निर्णय मई 2025 से चल रही पहलों का हिस्सा है, जब सीएम धामी ने गीता को पाठ्यचर्या में शामिल करने के निर्देश दिए थे। जुलाई 2025 में आदेश जारी हुआ था, और अब बीते 21 दिसंबर को इसका औपचारिक ऐलान किया गया।
साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि रामायण और महाभारत के प्रसंग भी पाठ्यक्रम में जोड़े जाएंगे, लेकिन इन्हें धार्मिक ग्रंथ के रूप में नहीं बल्कि चरित्र निर्माण के साधन के रूप में पढ़ाया जाएगा।
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