मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जमानत शर्तों में हुआ बदलाव
आबकारी नीति मामले में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है।
आबकारी नीति मामले में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है। शीर्ष अदालत ने सिसोदिया की जमानत की शर्तों में बदलाव की उनकी याचिका को मंजूरी दे दी है।
जमानत शर्तों में हुआ बदलाव
जमानत की शर्तों के अनुसार, मनीष सिसोदिया को हफ्ते में दो बार जांच एजेंसियों के दफ्तर में हाजिरी लगानी पड़ती थी। सिसोदिया ने इस शर्त में बदलाव की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया। अदालत ने जांच एजेंसियों के दफ्तर में हाजिरी लगाने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि सिसोदिया को ट्रायल में नियमित रूप से शामिल होना होगा।
क्या है पूरा मामला ?
मनीष सिसोदिया को दिल्ली की आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उनके ऊपर आरोप है कि नई शराब नीति में अनियमितताएं की गईं, जिससे कुछ निजी कंपनियों को लाभ पहुंचा। इन आरोपों के चलते सिसोदिया पिछले साल से हिरासत में हैं।
अदालत का रुख
सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया के आग्रह को स्वीकार करते हुए कहा कि जब तक जांच एजेंसियों को उनकी उपस्थिति की विशेष जरूरत न हो, तब तक सिसोदिया को बार-बार हाजिरी लगाने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन कोर्ट ने ट्रायल में उनकी उपस्थिति को अनिवार्य बताया।
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