UP News : CM योगी ने रोहिंग्या घुसपैठियों को लेकर लिया बड़ा एक्शन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या इमिग्रेंट्स के खिलाफ एक बड़ा कैंपेन शुरू किया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की 17 म्युनिसिपल बॉडीज़ में काम करने वालों की लिस्ट बनाने और हर डिवीज़न में डिटेंशन सेंटर बनाने का ऑर्डर दिया है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने गैर-कानूनी इमिग्रेंट्स की फाइल की गई पिटीशन्स पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि उनके लिए रेड कार्पेट नहीं बिछाया जा सकता।

Dec 3, 2025 - 12:51
Dec 3, 2025 - 13:58
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UP News : CM योगी ने रोहिंग्या घुसपैठियों को लेकर लिया बड़ा एक्शन
Uttar Pradesh : CM Yogi

उत्तर प्रदेश में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 17 नगर निकायों में काम करने वाले ऐसे लोगों की सूची तैयार करने और प्रत्येक मंडल में डिटेंशन सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अवैध घुसपैठियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान साफ कहा कि उनके लिए किसी भी प्रकार का विशेष संरक्षण या लाल कालीन नहीं बिछाया जा सकता।

क्या है योगी सरकार का प्लान ? 

सीएम योगी ने विशेष रूप से कहा कि 17 नगर निकायों में काम करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की सूची तैयार की जाए। यह सूची कमिश्नर और आईजी को सौंपी जाएगी। प्रथम चरण में हर मंडल में डिटेंशन सेंटर स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। योगी के आदेश के बाद प्रशासनिक अमला तुरंत सक्रिय हो गया।

लखनऊ की झुग्गियों में विशेष जांच

इस अभियान के तहत लखनऊ में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी झुग्गियों में जाकर आधार, वोटर कार्ड और अन्य पहचान पत्रों की जांच कर रहे हैं। नागरिकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज, बिजनौर थाना क्षेत्र के न्यू गड़ौरा और एयरपोर्ट बाउंड्री वॉल के पास झुग्गियों में छापेमारी की गई। इस दौरान सैकड़ों दस्तावेज़ों की जांच की गई और जिनकी प्रामाणिकता संदिग्ध पाई गई, उनकी पुष्टि संबंधित जिलों और थानों से करवाई जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पांच रोहिंग्या घुसपैठियों की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई की। सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अवैध घुसपैठ के बाद किसी के लिए लाल कालीन बिछाना न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने पूछा कि शरणार्थियों की कानूनी स्थिति का गृह मंत्रालय का आदेश कहां है और स्पष्ट किया कि अवैध घुसपैठ करने वालों को भारत पर रखने का कोई कानूनी दायित्व नहीं बनता।

याचिकाकर्ताओं के वकील ने तर्क दिया कि वे केवल यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जांच के बाद निर्वासन का लिखित आदेश जारी किया जाए। हालांकि सीजेआई ने घुसपैठ की गंभीरता पर जोर देते हुए सवाल उठाया कि क्या अवैध रूप से आए व्यक्ति सभी अधिकारों का हकदार हो जाता है। मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2026 के लिए स्थगित कर दी गई है। 

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