शंभू बॉर्डर पर किसानों पर बल प्रयोग: 15 किसान घायल, सरवन सिंह पंधेर का बड़ा बयान
शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन ने एक बार फिर उग्र रूप धारण कर लिया है। किसानों की मांगों को लेकर प्रदर्शन के दौरान पुलिस और किसानों के बीच टकराव हुआ
शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन ने एक बार फिर उग्र रूप धारण कर लिया है। किसानों की मांगों को लेकर प्रदर्शन के दौरान पुलिस और किसानों के बीच टकराव हुआ, जिसमें आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने दावा किया कि इस कार्रवाई में 15 किसान घायल हो गए हैं। इस घटना ने किसानों के बीच आक्रोश और सरकार के प्रति नाराज़गी को बढ़ा दिया है। किसानों का यह प्रदर्शन एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी, कर्ज माफी, और अन्य कृषि सुधारों को लेकर किया जा रहा है। आंदोलनकारी किसानों का आरोप है कि उनकी मांगों पर सरकार गंभीरता से विचार नहीं कर रही है। इसी के चलते, किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया था, लेकिन उन्हें शंभू बॉर्डर पर ही रोक दिया गया।
बल प्रयोग और टकराव
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस दौरान हालात तनावपूर्ण हो गए। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि पुलिस की इस कार्रवाई से 15 किसान घायल हुए हैं। उनका कहना था कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ इस प्रकार का व्यवहार लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।
सरकार और पुलिस का रुख
पुलिस का कहना है कि उन्होंने किसानों को रोकने के लिए केवल नियंत्रण के उपाय अपनाए ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे। अधिकारियों का तर्क है कि दिल्ली कूच से आम जनता को असुविधा हो सकती थी, इसलिए प्रदर्शनकारियों को बॉर्डर पर ही रोका गया।
किसानों का बयान
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान अपने हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे। उनका आरोप है कि सरकार उनके मुद्दों को बार-बार टाल रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार किसानों से तुरंत बातचीत करे और उनकी मांगों का समाधान निकाले।
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