UP News : घुसपैठियों की अब खैर नहीं, डिजिटल डेटाबेस तैयार करने वाला पहला राज्य बनेगा उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में अवैध घुसपैठ के बढ़ते मामलों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने देश का सबसे हाईटेक और सख्त एंटी-इन्फिल्ट्रेशन प्लान तैयार किया है।
उत्तर प्रदेश में अवैध घुसपैठ के बढ़ते मामलों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने देश का सबसे हाईटेक और सख्त एंटी-इन्फिल्ट्रेशन प्लान तैयार किया है। सूत्रों के अनुसार, यह योजना अपने आप में भारत की पहली डिजिटल और फुलप्रूफ घुसपैठ रोक प्रणाली होगी जिसमें न केवल घुसपैठियों की पहचान होगी, बल्कि उनकी दोबारा एंट्री को भी हमेशा के लिए रोका जाएगा।
घुसपैठियों का बनेगा डिजिटल डेटाबेस
नई नीति के तहत, यूपी में पकड़े जाने वाले हर घुसपैठिए का विस्तृत डिजिटल प्रोफाइल तैयार किया जाएगा। इसमें फिंगरप्रिंट और बायोमेट्रिक विवरण, फेशियल रिकॉग्निशन डेटा और पुराने रिकॉर्ड और मूवमेंट हिस्ट्री शामिल होंगे। हर व्यक्ति का नाम एक "निगेटिव लिस्ट" में डाला जाएगा, जिसे पूरे देश के राज्यों के साथ साझा किया जाएगा। इससे कोई भी घुसपैठिया किसी अन्य राज्य की सीमा से भारत में दोबारा प्रवेश नहीं कर सकेगा।
फर्जी ID का होगा पर्दाफाश
योगी सरकार इस मिशन में डिजिटल टेक्नोलॉजी को केंद्रीय भूमिका दे रही है। हर संदिग्ध व्यक्ति के आधार, पैन और वोटर ID जैसे दस्तावेजों को डिजिटल डेटाबेस से ऑटोमैटिक मिलान सिस्टम के जरिए जांचा जाएगा। इससे यह पता लगाया जाएगा कि व्यक्ति कब से भारत में रह रहा था और किस नेटवर्क की मदद से उसने फर्जी पहचान पत्र बनवाए। सरकार का लक्ष्य सिर्फ घुसपैठ रोकना ही नहीं, बल्कि फर्जी ID नेक्सस को जड़ से खत्म करना है।
घुसपैठियों को मदद देने वालों पर कड़ी कार्रवाई
नई नीति में यह भी प्रावधान है कि जो भी व्यक्ति या संगठन घुसपैठियों को पहचान पत्र या रहने के लिए जगह देगा, उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून NSA जैसी कठोर धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बनेगा हाई सिक्योरिटी डिटेंशन सेंटर
योजना के तहत यूपी में डिटेंशन सेंटर्स की स्थापना की जाएगी, जिनकी सुरक्षा को “नए स्तर पर अपग्रेड” किया जाएगा। इन सेंटर्स में निगरानी के लिए AI कैमरे, फेशियल स्कैनिंग गेट और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम लगाए जाएंगे।
भारत का राष्ट्रीय मॉडल बनाने की तैयारी
योगी सरकार चाहती है कि यह योजना भारत का राष्ट्रीय एंटी-इन्फिल्ट्रेशन मॉडल बने। सूत्रों के मुताबिक, इस ड्राइव की शुरुआती रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भी भेजी जाएगी, ताकि इसे भविष्य में राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के हिस्से के रूप में अपनाया जा सके। इस हाईटेक प्लान से उत्तर प्रदेश न सिर्फ अवैध घुसपैठियों की पहचान और ट्रैकिंग में अग्रणी बनेगा, बल्कि यह मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए भी घुसपैठ नियंत्रण का नया मानक साबित हो सकता है।
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