टैरिफ-टैरिफ चिल्लाते रहे ट्रंप...भारत-ओमान ने फ्री ट्रेड डील के लिए मिलाया हाथ
प्रधानमंत्री मोदी जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की चार दिन की यात्रा पर हैं, जो सोमवार, 15 दिसंबर को शुरू हुई थी। आज वह अपनी यात्रा के आखिरी पड़ाव के लिए ओमान में हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओमान की आधिकारिक यात्रा पर पहुंच चुके हैं। आज उनकी मुलाकात ओमान के शासक सुल्तान हैथम बिन तारिक से होने वाली है। इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसी दौरान भारत और ओमान के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को नई ऊंचाई देना है।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट क्या होता है?
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट यानी मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दो देशों के बीच किया गया ऐसा करार होता है, जिसका मकसद आपसी व्यापार को आसान और सस्ता बनाना होता है। इस समझौते के तहत देश एक-दूसरे से आने वाले सामान पर लगने वाला आयात शुल्क (इंपोर्ट ड्यूटी) या तो काफी कम कर देते हैं या पूरी तरह खत्म कर देते हैं।
ओमान बना भारत का नया ग्लोबल गेटवे
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के हालिया बयान से साफ हो गया है कि भारत अब ओमान को केवल एक ट्रेड पार्टनर के तौर पर नहीं देख रहा, बल्कि उसे वैश्विक बाजारों तक पहुंचने के लिए एक रणनीतिक एंट्री प्वाइंट के रूप में तैयार किया जा रहा है। प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) लागू होते ही भारतीय कंपनियों के लिए दुनिया के कई बड़े बाजारों तक पहुंच कहीं ज्यादा आसान और सस्ती हो जाएगी।
भारत को मिलेंगे चार अहम ग्लोबल मार्केट
इस समझौते के जरिए सबसे पहले खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के देशों-खासकर सऊदी अरब और कतर-तक भारतीय उत्पादों की सीधी पहुंच बनेगी। इसके अलावा, ओमान के अत्याधुनिक बंदरगाहों के माध्यम से पूर्वी यूरोप तक माल भेजने में लगने वाला समय और लागत दोनों कम होंगे, जिससे भारतीय निर्यातकों की अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा मजबूत होगी।
इतना ही नहीं, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे मध्य एशिया के लैंडलॉक्ड देशों के लिए ओमान एक सुरक्षित और नया ट्रेड कॉरिडोर बन सकता है। वहीं, तेजी से उभरते अफ्रीकी बाजारों के लिए ओमान भारत का भरोसेमंद ट्रांजिट हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
पांच साल में तीन गुना हुआ भारतीय निवेश
साल 2020 से अब तक ओमान में भारत का निवेश तीन गुना बढ़कर करीब 5 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि FTA के लागू होते ही निवेश की रफ्तार और तेज होगी। खासतौर पर ग्रीन अमोनिया, स्टील और क्लीन एनर्जी जैसे भविष्य के सेक्टर्स में भारतीय कंपनियां ओमान की मजबूत रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता का लाभ उठाकर वैश्विक मानकों के अनुरूप उत्पादन कर सकेंगी।
टैक्स घटेगा, मुनाफा बढ़ेगा
यूके-भारत FTA की तरह ही ओमान के साथ होने वाले समझौते में भी 90% से अधिक उत्पादों पर आयात शुल्क खत्म या बेहद कम होने की उम्मीद है। इसका सीधा फायदा टेक्सटाइल, ज्वेलरी, ऑटोमोबाइल और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों से जुड़े छोटे और बड़े निर्यातकों को मिलेगा, जिनकी लागत घटेगी और मुनाफा कई गुना बढ़ सकता है। कुल मिलाकर, ओमान के साथ यह FTA भारत के वैश्विक व्यापार विस्तार की दिशा में एक बड़ा और रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
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