महाकुंभ में 14 जनवरी तक 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, जाने किस तकनीक से हो रही गिनती
प्रयागराज में इस समय महाकुंभ की भव्यता अपने चरम पर है। मकर संक्रांति (14 जनवरी) के दिन संगम में लगभग 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस विशाल संख्या ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर सरकार इतनी बड़ी भीड़ की गिनती कैसे कर रही है।
प्रयागराज में इस समय महाकुंभ की भव्यता अपने चरम पर है। मकर संक्रांति (14 जनवरी) के दिन संगम में लगभग 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस विशाल संख्या ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर सरकार इतनी बड़ी भीड़ की गिनती कैसे कर रही है। दरअसल, योगी सरकार ने भीड़ का आकलन करने के लिए आधुनिक एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक का सहारा लिया है।
कैसे हो रही है भीड़ की गिनती?
महाकुंभ क्षेत्र में लगभग 1800 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनमें से 1100 कैमरे स्थायी हैं, जबकि 700 कैमरे अस्थायी रूप से लगाए गए हैं। खास बात यह है कि इन कैमरों में से अधिकांश एआई तकनीक से लैस हैं। ये कैमरे भीड़ की संख्या का अनुमान लगाने में सक्षम हैं।
48 घाटों पर क्राउड असेसमेंट रियल टाइम आधार पर हो रहा है। प्रत्येक घंटे घाटों पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की गिनती एक विशेष टीम द्वारा की जा रही है। महाकुंभ शुरू होने से पहले क्राउड कैलकुलेशन के लिए कई बार अभ्यास किया गया था।
ड्रोन और ऐप का भी इस्तेमाल
भीड़ का घनत्व मापने के लिए ड्रोन कैमरों का भी उपयोग किया जा रहा है। ये ड्रोन एक निश्चित क्षेत्र में मौजूद लोगों की संख्या का आकलन करके डेटा क्राउड असेसमेंट टीम को भेजते हैं। इसके अलावा, एक विशेष ऐप भी विकसित किया गया है जो मेला क्षेत्र में मौजूद लोगों के मोबाइल फोन की औसत संख्या का ट्रैक रखता है।
कमांड सेंटर से रियल टाइम निगरानी
मेला प्रशासन ने एक डेडिकेटेड कमांड सेंटर स्थापित किया है, जहां से भीड़ की निगरानी और प्रबंधन किया जा रहा है। विशेषज्ञों की टीम हर घंटे की स्थिति की जानकारी कमांड सेंटर को भेजती है। इससे भीड़ को कुशलतापूर्वक नियंत्रित और प्रबंधित किया जा रहा है।
नई तकनीक का दावा
सरकार का कहना है कि इस बार श्रद्धालुओं की गिनती के लिए एआई आधारित क्राउड असेसमेंट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। यह तकनीक न केवल भीड़ की संख्या बताती है, बल्कि इसके घनत्व और फैलाव की जानकारी भी प्रदान करती है। मेला प्रशासन इसे एक बड़ी सफलता मान रहा है, जिससे भीड़ के प्रबंधन में मदद मिल रही है।
आधुनिक तकनीक से सुरक्षित आयोजन
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में भीड़ को नियंत्रित करना हमेशा से एक चुनौती रहा है। एआई आधारित यह तकनीक न केवल भीड़ की सटीक गिनती कर रही है, बल्कि मेला क्षेत्र में सुरक्षा और प्रबंधन के स्तर को भी बेहतर बना रही है।
What's Your Reaction?