पंजाब सरकार का दावा 'डल्लेवाल' की सेहत में सुधार, सुप्रीम कोर्ट ने AIIMS से मांगी राय
पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बुधवार (15 जनवरी, 2025) को बताया कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत पहले से बेहतर हुई है। जिसके बाद कोर्ट ने पंजाब सरकार से रिपोर्ट की मांग की है और AIIMS से राय मांगी है।
पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बुधवार (15 जनवरी, 2025) को बताया कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत पहले से बेहतर हुई है। डल्लेवाल पिछले 50 दिनों से अनशन पर हैं और सुप्रीम कोर्ट ने इस पर पंजाब सरकार पर सवाल उठाते हुए उन्हें अस्पताल भेजने का आदेश दिया था। जिसके बाद कोर्ट ने पंजाब सरकार से रिपोर्ट की मांग की है।
पंजाब सरकार ने दावा किया, सेहत में सुधार हुआ है
पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि डल्लेवाल की सेहत अब पहले से बेहतर हो गई है। यह दावा ऐसे समय में किया गया है जब कोर्ट ने पंजाब सरकार से उन्हें अस्पताल भेजने के आदेश दिए थे। इससे पहले, कोर्ट ने पंजाब सरकार को कई बार डल्लेवाल की सेहत को लेकर फटकार लगाई थी और अस्पताल शिफ्ट करने का निर्देश दिया था, लेकिन पंजाब सरकार ने इसे नकारते हुए किसानों के भड़कने का डर बताया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिन की मेडिकल रिपोर्ट मांगी
सुप्रीम कोर्ट के जजों ने हैरानी जताते हुए कहा कि 50 दिन से अनशन पर बैठे किसी व्यक्ति की सेहत में सुधार कैसे हो सकता है। जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने पंजाब सरकार से तत्काल पिछले 15 दिनों की मेडिकल रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि पंजाब सरकार द्वारा जमा की गई मेडिकल रिपोर्ट को एम्स, दिल्ली के निदेशक को भेजा जाए और विशेषज्ञ डॉक्टरों की राय के बाद मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी।
डल्लेवाल का अनशन और किसान आंदोलन
डल्लेवाल, जो कि पिछले साल नवंबर से अनशन पर हैं, पंजाब के आंदोलनकारी किसानों के नेतृत्व में हैं। उनकी मुख्य मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी है। इसके अलावा, उन्होंने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना दिया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई हाई पावर्ड कमेटी भी उनसे मुलाकात कर चुकी है, लेकिन गतिरोध अभी भी बरकरार है।
केंद्र और राज्य सरकार की समझाइश की कोशिश
पंजाब सरकार ने यह भी दावा किया कि केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधि लगातार किसानों से बात कर रहे हैं और उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, अब तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आ पाया है। अदालत के फैसले और सरकार की कोशिशों के बीच किसान आंदोलन और डल्लेवाल का अनशन जारी है।
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