GST स्लैब में बदलाव के बाद ये चीजें होंगी सस्ती, यहां देखें पूरी लिस्ट
अब देश में GST के केवल दो मुख्य स्लैब होंगे- 5% और 18%। यानी 12% और 28% वाले स्लैब को खत्म कर दिया गया है। इनके अलावा, हानिकारक वस्तुओं के लिए 40% का एक अलग स्लैब बनाया गया है। आइए जानते हैं कौन सी चीजें सस्ती हुई हैं-
GST परिषद की 56वीं बैठक बुधवार को नई दिल्ली में हुई। इस बैठक में टैक्स स्लैब में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में फैसला लिया गया कि अब देश में GST के केवल दो मुख्य स्लैब होंगे- 5% और 18%। यानी 12% और 28% वाले स्लैब को खत्म कर दिया गया है। इनके अलावा, हानिकारक वस्तुओं के लिए 40% का एक अलग स्लैब बनाया गया है। आइए जानते हैं कौन सी चीजें सस्ती हुई हैं-
कौन-कौन से सामान हुए सस्ते?
बैठक में आम आदमी और मिडिल क्लास को राहत देते हुए रोजमर्रा की कई चीजों पर टैक्स घटा दिया गया है या फिर पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।
- जीरो टैक्स स्लैब में: यूएचटी दूध, छेना, पनीर, पिज्जा ब्रेड, रोटी और पराठा शामिल किए गए हैं।
- 5% टैक्स स्लैब में: शैंपू, साबुन, तेल, नमकीन, पास्ता, कॉफी और नूडल्स जैसे सामान रखे गए हैं।
- 18% टैक्स स्लैब में: कार, बाइक, सीमेंट और TV शामिल किए गए हैं, पहले इन पर 28% टैक्स लगता था।
- GST से बाहर: 33 जीवनरक्षक दवाइयों को पूरी तरह से टैक्स के दायरे से बाहर किया गया है, जिनमें 3 कैंसर की दवाइयां भी शामिल हैं।
महंगे होंगे ये सामान
40% के नए टैक्स स्लैब में सुपर लग्जरी और हानिकारक वस्तुएं शामिल की गई हैं, इनमें पान मसाला, सिगरेट, गुटका, बीड़ी, तंबाकू उत्पाद और फ्लेवर्ड कार्बोनेटेड ड्रिंक्स शामिल हैं।
22 सितंबर से लागू होंगे नए रेट
बैठक में लिए गए सभी फैसले 22 सितंबर से लागू होंगे, यानी इस तारीख से कई सामान सस्ते मिलेंगे, जबकि लग्जरी और हानिकारक उत्पाद महंगे हो जाएंगे।
GST सुधारों का राज्यों ने किया समर्थन
हिमाचल प्रदेश के मंत्री राजेश धर्माणी ने बताया कि सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने टैक्स रेट को सरल बनाने के प्रस्ताव का समर्थन किया, अब देश में प्रभावी रूप से केवल दो टैक्स स्लैब होंगे – 5% और 18%
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कही ये बात
बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'ये सुधार आम आदमी को ध्यान में रखकर किए गए हैं, किसानों, मजदूरों और मध्यम वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए GST स्लैब कम किए गए हैं, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र को इससे बड़ी राहत मिलेगी और श्रम प्रधान उद्योगों को भी मजबूती मिलेगी।'
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