‘बाबा’ के साथ सेल्फी का क्रेज, कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता भी घेरकर ले रही सेल्फी

Jul 17, 2024 - 13:40
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‘बाबा’ के साथ सेल्फी का क्रेज, कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता भी घेरकर ले रही सेल्फी
‘बाबा’ के साथ सेल्फी का क्रेज, कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता भी घेरकर ले रही सेल्फी

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़: 

अनिल विज, हरियाणा की राजनीति का एक ऐसा नाम बन चुका है, जिससे प्रदेश की राजनीति से जुड़े लोगों के अलावा आम जन के साथ बच्चे औऱ महिलाएं भी अच्छे से जानती और पहचानती है। 

अनिल विज के पास भले ही आज कोई विभाग नहीं है, लेकिन उनकी गिनती प्रदेश के सबसे कद्दावर नेताओं में होती है। वैसे भी राजनीति में कहा जाता है कि जनता जिसके साथ हो, वह खुद ही नेता बन जाता है। 

अनिल विज आज एक ऐसा नेता बन चुके है, जिसका शायद उन्हें खुद भी अंदाजा नहीं था। आज जहां भी अनिल विज जाते है, उनके साथ सेल्फी लेने का क्रेज लोगों के सिर चढ़कर बोलता दिखाई देता है। 

फिर वह चाहे कोई सामाजिक कार्यक्रम हो या फिर कोई विवाह समारोह या राजनीतिक कार्यक्रम। हर स्थान पर अनिल विज के साथ सेल्फी लेने वाले लोगों की भीड़ जमा हो जाती है। 

लोगों के दिलों पर राज करते हैं विज

हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री अनिल विज चाहे किसी पद पर हो या ना हो, लेकिन हमेशा से ही सुर्खियों में रहते हुए लोगों के दिलों में राज करते हैं । वे अपने बेबाक बयानों के साथ साथ हरियाणा के बीजेपी नेताओं में साफ और स्पष्ट बात करने वालों में जाने जाते हैं। 

अगर वो किसी से नाराज है तो अपनी नाराजगी भी वह सीधे तौर पर जाहिर करते है और अगर किसी के काम से खुश है तो वो भी सार्वजनिक तौर पर सराहना करने से नहीं चूकते। 

अनिल विज की ओर से जनता के हित में किए गए कार्यों और उनके सुख-दुख में हमेशा शामिल होने का ही परिणाम है कि उनके किसी भी कार्यक्रम में पहुंचने पर जनता और कार्यकर्ता कार्यक्रम को छोड़कर विज के साथ एक सेल्फी लेने पहुंच जाते हैं।

सेल्फी देने के लिए मंच से उतरना पड़ा

महेंद्रगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की ओर से कार्यक्रम तो बीसी सम्मान सम्मेलन का आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि खुद अनिल विज के पसंदीदा नेता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह थे, लेकिन जब अनिल विज अपने लिए निर्धारित किए गए मंच पर स्थान लेने पहुंचे तो लोग उनसे मिलने के लिए उमड़ पड़े। 

पहले तो विज ने मंच से ही लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए उनकी बात सुनी, लेकिन कार्यकर्ता यहीं तक नहीं रुके। एक के बाद एक कार्यकर्ताओं ने विज के साथ सेल्फी लेने के लिए मंच पर चढ़ना शुरू किया। 

मंच पर लगातार बढ़ रही कार्यकर्ताओं की भीड़ को देखकर अनिल विज को खुद मंच से नीचे उतरकर उनके बीच आना पड़ा। अनिल विज ने भी किसी को नाराज किए बिना हर किसी के साथ सेल्फी खिंचवाई।

एक और इकट्ठा हो गया था पंडाल

हाल ही में फरीदाबाद में हरियाणा के कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा के बेटे के विवाह समारोह में जब अनिल विज पहुंचे तो वहां मौजूद लोग दूल्हा-दूल्हन को छोड़कर विज के साथ सेल्फी खिंचवाने पहुंच गए। ऐसे में विवाह का पूरा पंडाल अनिल विज के चारों तरफ इकट्ठा हो गया। अनिल विज ने अपने हंसमुख अंदाज से सभी के साथ सेल्फी खिंचवाई।

बीजेपी की मीटिंग में भी मची थी होड़

बीते माह पंचकूला में हुई हरियाणा बीजेपी के विस्तारित प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में भी अमित शाह जब अपना संबोधन कर चले गए तो वहां मौजूद हर कार्यकर्ता अनिल विज को घेरकर खड़ा हो गया। हर कोई अनिल विज के साथ सेल्फी लेना चाहता था। 

विज ने भी हर कार्यकर्ता की इच्छा को पूरा किया और किसी को नाराज किए बिना उनके साथ सेल्फी खिंचवाई। हालांकि सेल्फी के चक्कर में कईं बार अनिल विज अपने अगले निर्धारित कार्यक्रम में पहुंचने में लेट हो जाते है, लेकिन वह किसी को नाराज कभी नहीं करे। 

महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल

अनिल विज के साथ सेल्फी लेने वालों में केवल युवा ही नहीं, बल्कि भारी संख्या में महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल है। आम नागरिक के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी अनिल विज के साथ सेल्फी खिंचवाने को लेकर काफी क्रेज दिखाई पड़ा है। 

हर कार्यक्रम में अनिल विज के साथ सेल्फी लेने के लिए लोगों की उमड़ती भीड़ के कारण कईं बार उनके सुरक्षा कर्मियों को दिक्कत का भी सामना करना पड़ता है। 

अनिल विज तो अपने मिलनसार रवैये के चलते किसी को भी ना तो अपने पास आने से रोकते हैं और ना ही किसी को सेल्फी लेने से मना करते हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा में तैनात जवानों को पहले से ज्यादा चौकन्ना रहना पड़ता है, ना जाने जनता के भेष में कोई आसमाजिक तत्व ही वहां घुसकर उन्हें कोई नुकसान ना पहुंचा दें।

बैंक की नौकरी छोड़कर बने थे विधायक

अनिल विज राजनीति में आने से पहले बैंक में नौकरी किया करते थे और 1990 में उपचुनाव के दौरान वह बैंक की नौकरी छोड़कर राजनीति में आ गए। उस समय विज ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 

अनिल विज दो बार निर्दलीय रुप से विधायक बने। इसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने और बीजेपी के सत्ता में आने पर मंत्री भी बने। 

विज बने थे फुलटाइम गृहमंत्री

विज गृह मंत्री बने थे तो हरियाणा के 23 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री ने गृह मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार खुद छोड़कर किसी और कैबिनेट मंत्री या विधायक को दिया हो। 

सूबे के मुख्यमंत्री चाहे ओम प्रकाश चौटाला रहे हों, भूपेंद्र सिंह हुड्डा हों या फिर अपने पहले कार्यकाल में में मनोहर लाल, किसी भी मुख्यमंत्री ने गृह मंत्रालय का चार्ज किसी और मंत्री को नहीं दिया था और हमेशा ही ये मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास ही रहा। हालांकि कुछ मुख्यमंत्रियों ने बीच में राज्यमंत्री भी अटैच किए थे लेकिन फिर भी गृह मंत्रालय का मुख्य कामकाज खुद मुख्यमंत्री ने ही संभाला।

जनता दरबार ने बनाया आम लोगों के बीच लोकप्रिय

गृह विभाग मिलने के बाद अनिल विज ने अपने शानदार काम करने के तरीके से विभाग को भी पूरी तरह से मशहूर कर दिया। हरियाणा के गृहमंत्री रहते हुए विज की काम करने की शैली हमेशा चर्चा में रही। 

उनकी कार्यशीली पूरे हरियाणा में चर्चित थी। वो खुद जनता दरबार लगाते थे और पूरे प्रदेश से लोग अपनी समस्या लेकर विज के घर पहुंचते थे। कई बार ऐसा भी हुआ कि विज के दरबार में पूरे प्रदेश से हजारों की संख्या में लोग शिकायत लेकर पहुंचे और उनका निपटान करते-करते देर रात भी हो जाती थी। 

लेकिन अनिल विज समय की परवाह किए बिना देर रात तक जनता की समस्याएं सुनकर उनका हल करने में लगे रहते थे। अनिल विज के घर जो भी आया, कभी निराश होकर नहीं गया। उन्होंने हर किसी को हाथोंहाथ उनकी समस्या का समाधान करवाया।

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