पंजाब सरकार ने  रिकॉर्ड 30 दिनों में किसानों को  ₹20 हजार प्रति एकड़ मुआवजा देकर रचा इतिहास

पंजाब में 2,508 गांवों में फसल का नुकसान हुआ, लगभग 3.5 लाख एकड़ खेती योग्य जमीन बर्बाद हुई, लेकिन राज्य सरकार ने बिना देरी किए किसानों को ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवजा देना शुरू किया।

Oct 13, 2025 - 19:52
Oct 13, 2025 - 19:54
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पंजाब सरकार ने  रिकॉर्ड 30 दिनों में किसानों को  ₹20 हजार प्रति एकड़ मुआवजा देकर रचा इतिहास

पंजाब में जब बाढ़ ने तबाही मचाई, लाखों एकड़ जमीन और फसलें बर्बाद हो गईं, तब सबसे पहले पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार किसानों और आम लोगों के साथ खड़ी नजर आई। 

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने न सिर्फ तुरंत गिरदावरी शुरू करवाई, बल्कि समय से पहले मुआवजा देकर यह साबित कर दिया कि सरकार केवल बातें नहीं करती, बल्कि काम करके दिखाती है।

11 सितंबर को विशेष गिरदावरी की घोषणा हुई थी और 45 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन सरकार ने उससे भी पहले 30वें दिन मुआवजा वितरण की शुरुआत कर दी। पंजाब में 2,508 गांवों में फसल का नुकसान हुआ, लगभग 3.5 लाख एकड़ खेती योग्य जमीन बर्बाद हुई, लेकिन राज्य सरकार ने बिना देरी किए किसानों को ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवजा देना शुरू किया। यह अब तक का सबसे बड़ा और सबसे तेज राहत अभियान है।

केंद्र सरकार से सहायता की अपील के बावजूद कोई जवाब न मिलने पर भी पंजाब सरकार ने अपने संसाधनों से किसानों के लिए ₹13,200 अतिरिक्त मुआवज़ा दिया। इससे साफ हुआ कि पंजाब सरकार किसानों को किसी के भरोसे नहीं छोड़ती। मुआवज़े की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचाई जा रही है, जिससे बिचौलियों और देरी की कोई गुंजाइश नहीं रही।

घरों के नुकसान का भी तेजी से सर्वे हुआ। 30,806 घरों का सर्वे पूरा कर लिया गया और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों का मुआवज़ा ₹6,500 से बढ़ाकर ₹40,000 कर दिया गया। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को बाढ़ में खोया, उन्हें ₹4 लाख की सहायता दी गई। मवेशियों और पोल्ट्री के नुकसान का मुआवज़ा भी तय कर दिया गया, ताकि कोई भी परिवार संकट में अकेला न रहे।

यह पहली बार हुआ है कि सभी आकलन और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया एक पारदर्शी ऑनलाइन पोर्टल के ज़रिए की गई है। अजनाला क्षेत्र के 52 गांवों में ₹5 करोड़ से अधिक का मुआवज़ा सीधे किसानों और प्रभावित परिवारों को दिया गया। हर गांव, हर किसान और हर परिवार तक राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने जमीनी स्तर पर टीमों को सक्रिय कर दिया है।

‘जिसका खेत, उसकी रेत’ नीति के तहत बाढ़ से प्रभावित जमीन को फिर से खेती योग्य बनाने के लिए काम तेज़ी से चल रहा है। मिशन ‘चढ़दीकला’ के तहत पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित गांवों को फिर से खड़ा करने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पंजाब का किसान कभी अकेला नहीं रहेगा, सरकार हर कदम पर उसके साथ खड़ी है।

जहां विपक्ष बाढ़ पर राजनीति में उलझा रहा, वहीं आम आदमी पार्टी सरकार ने राहत और पुनर्वास को प्राथमिकता दी। दिवाली से पहले मुआवज़ा देकर सरकार ने किसानों को भरोसे का एहसास दिलाया और यह दिखाया कि जब बात पंजाब और पंजाबियत की आती है तो यह सरकार केवल वादे नहीं करती, बल्कि निभाती भी है। यह वही भावना है जो पंजाब को मजबूत बनाती है, संकट में एकजुट होकर खड़ा होना और अपने लोगों का साथ देना।

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