दवा माफिया की खैर नहीं! पंजाब सरकार ने लिया बड़ा Action! कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान - कोल्ड्रिफ़ समेत 8 दवाओं पर लगाया कड़ा बैन

मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ़ कफ सिरप के सेवन से चौदह से सोलह मासूम बच्चों की मौत की खबर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इन दुखद घटनाओं के बाद पंजाब सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राज्य में इस खतरनाक सिरप की बिक्री, वितरण और इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है

Oct 15, 2025 - 18:46
Oct 16, 2025 - 08:06
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दवा माफिया की खैर नहीं! पंजाब सरकार ने लिया बड़ा Action! कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान - कोल्ड्रिफ़ समेत 8 दवाओं पर लगाया कड़ा बैन

मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ़ कफ सिरप के सेवन से चौदह से सोलह मासूम बच्चों की मौत की खबर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इन दुखद घटनाओं के बाद पंजाब सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राज्य में इस खतरनाक सिरप की बिक्री, वितरण और इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। आम आदमी सरकार ने यह साफ कर दिया है कि प्रदेश की जनता की सेहत और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह फैसला सरकार की उस संवेदनशीलता को दर्शाता है जो हर आम नागरिक के जीवन को सर्वोपरि मानती है।

पंजाब सरकार ने सिर्फ कोल्ड्रिफ़ सिरप तक ही सीमित नहीं रहते हुए, कुल आठ दवाओं पर प्रतिबंध लगाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। स्वास्थ्य विभाग को इन दवाओं के इस्तेमाल से मरीज़ों में बार-बार प्रतिकूल प्रतिक्रिया की शिकायतें मिल रही थी। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने तत्काल प्रभाव से राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और चिकित्सा संस्थानों में इन दवाओं का प्रयोग और खरीद पूरी तरह बंद करने के सख्त आदेश जारी किए है। यह कदम दिखाता है कि सरकार जनता की हर छोटी-बड़ी परेशानी के प्रति कितनी सजग और ज़िम्मेदार है।

बैन की गई आठ दवाओं में कोल्ड्रिफ़ कफ सिरप के अलावा नॉर्मल सेलाइन, डेक्सट्रोज़ इंजेक्शन, सिप्रोफ्लोक्सासिन इंजेक्शन, DNS 0.9%, N/2 प्लस डेक्सट्रोज़ IV फ्लूइड, और ब्यूपिवाकेन HCL विद डेक्सट्रोज़ जैसी महत्वपूर्ण दवाएं शामिल है। ये सभी दवाएं रोज़मर्रा के इलाज में अक्सर इस्तेमाल होती थी, लेकिन हाल के दिनों में इनमें गुणवत्ता संबंधी समस्याओं और साइड इफेक्ट की शिकायतें सामने आई थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने तीन फार्मा कंपनियों की इन दवाओं को तुरंत प्रतिबंधित कर दिया है और सभी मेडिकल स्टोर मालिकों को इनकी बिक्री रोकने के कड़े निर्देश दिए गए है।

पंजाब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों और मरीज़ों की जान के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राइवेट क्लीनिक और मेडिकल स्टोर्स को तुरंत इन प्रतिबंधित दवाओं का मौजूदा स्टॉक वापस करने के आदेश दिए गए हैं। सभी डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और फार्मासिस्टों को विशेष सूचना भेजकर इन दवाओं के विकल्प तलाशने और मरीजों को सुरक्षित दवाएं देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि कोई भी मरीज इन खतरनाक दवाओं का शिकार न बने।

स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला चिकित्सा अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जो भी मरीज़ इन दवाओं के कारण किसी भी प्रकार की प्रतिकूल प्रतिक्रिया या स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे है, उनकी विस्तृत रिपोर्ट तुरंत विशेषज्ञ समिति को भेजी जाए। विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है जो ऐसे सभी मामलों की गहन जांच करेगी और प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए विशेष प्रोटोकॉल तैयार करेगी। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दवाओं की गुणवत्ता जांच और निगरानी प्रणाली को और मज़बूत बनाया जा रहा है।

आम आदमी सरकार ने इस फैसले के साथ यह संदेश दिया है कि वह नागरिकों की चिंता और जीवन की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह ज़िम्मेदार और संवेदनशील है। पंजाब में दवाओं के निरीक्षण, परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण के स्तर पर अब विशेष सख्ती लागू की जा रही है। ड्रग कंट्रोलर की टीम लगातार बाज़ार में उपलब्ध दवाओं की सैंपलिंग और जांच कर रही है ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं दोबारा न हो। सरकार का मकसद साफ है - हर नागरिक को सुरक्षित और भरोसेमंद स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।

सरकार ने आम जनता, मरीज़ों और चिकित्सा कर्मचारियों के लिए व्यापक जागरूकता अभियान भी शुरू किया है। इस अभियान के तहत लोगों को बताया जा रहा है कि कौन-कौन सी दवाएं प्रतिबंधित है और किसी भी संदिग्ध दवा के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से परामर्श ज़रूर ले। मेडिकल स्टाफ को हर आदेश का सख्ती से पालन करने और मरीज़ों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के विशेष निर्देश दिए गए है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी खतरनाक दवा गलती से भी किसी मरीज़ तक न पहुंचे, सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष निगरानी व्यवस्था लागू की गई है।

पंजाब सरकार ने राज्य के सभी नागरिकों और अभिभावकों से विशेष अपील की है। अगर किसी के घर में इन प्रतिबंधित दवाओं का स्टॉक मौजूद है या किसी मरीज को इन दवाओं के सेवन से कोई साइड इफेक्ट या स्वास्थ्य समस्या हुई है, तो वे तुरंत अपने नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र, ज़िला चिकित्सा अधिकारी या ड्रग कंट्रोल विभाग से संपर्क करे। सरकार ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए है जहां 24 घंटे सहायता उपलब्ध है। प्रशासन हर शिकायत को गंभीरता से लेगा और तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।

पंजाब सरकार के इस साहसिक और समयबद्ध निर्णय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आम आदमी की सेहत पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। किसी भी दवा में मिलावट, गुणवत्ता में कमी या खतरनाक तत्वों की मौजूदगी पाए जाने पर सरकार तत्काल और कड़ी कार्रवाई करेगी। यही कारण है कि आम आदमी सरकार को वास्तव में आम जनता की फिक्र है, और राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को सबसे सुरक्षित, भरोसेमंद और जनहितैषी बनाने के लिए हर जरूरी कदम मज़बूती से उठाया जा रहा है। यह फैसला पंजाब की जनता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का जीता-जागता सबूत है।

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