दिल्ली के साथ हरियाणा से भी बाहर होंगे रोहिंग्या मुसलमान ! पुलिस और CID ने शुरू की वेरिफिकेशन !
इसके बाद सरकार ने दिल्ली से सटे जिलों में पुलिस और सीआईडी को अलर्ट रहने के लिए कहा है। ऐसे में बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों को पकड़ने के लिए पुलिस और गुप्तचर विभाग को अलर्ट रहने को कहा गया है।
चंद्रशेखर धरणी : दिल्ली में अवैध रुप से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ शुरू हुए जांच अभियान के बाद अब हरियाणा पुलिस और गुप्तचर विभाग भी अलर्ट हो गया है। दिल्ली में कार्रवाई के बाद रोहिंग्याओं के हरियाणा आने की संभावना के चलते बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई है। हरियाणा में करीब 12 साल पहले रेवाड़ी, नूंह, महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद में बांग्लादेश से आए रोहिंग्या मुसलमानों को बसाया गया था। दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी रोहिंग्याओं के खिलाफ अभियान चलने के कारण आशंका है कि वह हरियाणा में शरण ले सकते हैं। इसके बाद सरकार ने दिल्ली से सटे जिलों में पुलिस और CID को अलर्ट रहने के लिए कहा है। ऐसे में बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों को पकड़ने के लिए पुलिस और गुप्तचर विभाग को अलर्ट रहने को कहा गया है।
सरकार को शक है कि मुस्लिम बाहुल्य मेवात (नूंह) में रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या बढ़ती जा रही है। मेवात में कुछ लोग इन रोहिंग्या मुसलमानों को शरण दे रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद ने भी सरकार के आगे शिकायत की कि यह रोहिंग्या देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। इनके बारे में पूरी जानकारी के बगैर इन्हें रोकना मुमकिन नहीं। ऐसे में इन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए और तब तक पूरी सख्ती बरती जानी चाहिए। हरियाणा सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पूरे प्रदेश में 600 से 700 परिवार रोहिंग्या मुसलमानों के हैं। अकेले मेवात में करीब दो हजार रोहिंग्या रहते हैं। चर्चा है कि बीते दिनों मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर की गई समीक्षा बैठक में भी राज्य में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं का मुद्दा उठा था। बता दें कि दिल्ली में एलजी वीके सक्सेना के आदेश के बाद ऐसे लोगों के पहचान करने के लिए तमाम विभागों को आदेश भी दिया गया है।
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