Rajasthan : ‘एथेनॉल’ प्लांट पर बवाल, 10 महीने से प्रदर्शन कर रहे किसान हुए उग्र, जानें पूरा मामला

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के राठीखेड़ा गांव में बुधवार को किसानों का विरोध प्रदर्शन अचानक हिंसक रूप ले लिया।

Dec 11, 2025 - 13:06
Dec 11, 2025 - 13:07
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Rajasthan : ‘एथेनॉल’ प्लांट पर बवाल, 10 महीने से प्रदर्शन कर रहे किसान हुए उग्र, जानें पूरा मामला

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के राठीखेड़ा गांव में बुधवार को किसानों का विरोध प्रदर्शन अचानक हिंसक रूप ले लिया। 450 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले एथेनॉल प्लांट के निर्माण कार्य को लेकर लंबे समय से चल रहा विरोध बुधवार को उग्र हो गया। 

पुलिस-किसान टकराव में कई घायल

दीवार तोड़ने की घटना के बाद पुलिस ने हालात को काबू करने की कोशिश की, लेकिन भीड़ के उग्र होने पर लाठीचार्ज किया गया। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई, जिसमें एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। 

पुलिस पर हुआ पथराव

घटना के दौरान किसानों ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के वाहनों में आग लगा दी। साथ ही, उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की।

450 करोड़ की परियोजना पर विवाद

राठीखेड़ा गांव में चंडीगढ़ स्थित ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी 40 मेगावाट का अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट स्थापित कर रही है। इस परियोजना की लागत लगभग 450 करोड़ रुपये है। कंपनी का कहना है कि यह प्लांट केंद्र सरकार के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम का हिस्सा है, जिससे देश में पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने की क्षमता बढ़ेगी।

किसानों कर रहे विरोध 

स्थानीय किसानों का कहना है कि इस प्लांट से वायु और जल प्रदूषण बढ़ेगा, जिससे खेती की भूमि बंजर हो जाएगी और पानी जहरीला होने का खतरा है। किसानों को डर है कि इससे उनकी जीविका पर सीधा असर पड़ेगा। किसान संगठन मांग कर रहे हैं कि सरकार इस फैक्ट्री को किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट करे ताकि क्षेत्र का पर्यावरण और खेती करने की जमीन सुरक्षित रह सके।

10 महीनों तक किया शांतिपूर्ण विरोध

सितंबर 2024 से जून 2025 तक किसानों ने लगभग 10 महीनों तक शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे। जुलाई 2025 में विरोध ने जोर पकड़ा, जब कंपनी ने फैक्ट्री की बाउंड्री वॉल का निर्माण शुरू किया। 19 नवंबर 2025 को पुलिस सुरक्षा में निर्माण कार्य दोबारा शुरू हुआ, तो किसानों में नाराजगी बढ़ी। इसके बाद 10 दिसंबर को किसान बड़ी संख्या में टिब्बी SDM कार्यालय के सामने जमा हुए और वहां सभा के बाद ट्रैक्टर लेकर फैक्ट्री साइट पर पहुंचे। दीवार तोड़ते ही स्थिति बिगड़ गई और पुलिस-किसान भिड़ंत शुरू हो गई।

कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया घायल

इस हिंसक झड़प में कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया घायल हो गए। उन्हें हनुमानगढ़ जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पूनिया ने अस्पताल से संदेश जारी कर कहा कि यह हमला किसानों की आवाज को दबाने की साजिश है, लेकिन “धमकियों से लड़ाई नहीं रुकेगी।”

कई राजनेताओं ने दी प्रतिक्रिया

  • पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस के बल प्रयोग की निंदा करते हुए कहा, “भाजपा सरकार को किसानों से इतनी नफरत क्यों है?”
  • सचिन पायलट ने घायल विधायक के प्रति चिंता जताई और किसानों के अधिकारों की लड़ाई में साथ देने का वादा किया।
  • नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भाजपा सरकार पर “कॉरपोरेट दबाव में काम करने” और “संवेदनहीन रवैया” अपनाने का आरोप लगाया।

कैसे काम करता है एथेनॉल प्लांट ?

  • एथेनॉल प्लांट मुख्यतौर पर से मक्का, चावल या गन्ने जैसे अनाज को ईंधन-ग्रेड एथेनॉल में बदलता है। यह प्रक्रिया चार प्रमुख चरणों में होती है। आइए जानते हैं -
  • अनाज को पीसकर आटे के रूप में तैयार किया जाता है ताकि स्टार्च निकाला जा सके।
  • इसके बाद एंजाइम मिलाकर स्टार्च को शर्करा में तोड़ा जाता है, फिर यीस्ट की मदद से इसे एथेनॉल और कार्बन डाइऑक्साइड में बदला जाता है।
  • बने मिश्रण को गर्म कर एथेनॉल अलग किया जाता है, जिससे लगभग 95% शुद्धता होती है।
  • इसके बाद आणविक छलनी प्रक्रिया से पानी की मात्रा हटाकर 99.5% शुद्ध एथेनॉल प्राप्त किया जाता है, जिसे बाद में पेट्रोल के साथ मिलाया जाता है।

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