Punjab News : किसान संगठनों ने कर दिया बड़ा ऐलान, इस तारीख को दिल्ली में जुटेंगे
किसानों ने सरकार के प्रतिनिधियों से मिलने के लिए दिल्ली का रुख किया था। लेकिन इन्हें हरियाणा बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। जिसके बाद किसानों ने वहीं पक्का मोर्चा लगाकर संघर्ष शुरू कर दिया।
Punjab News : अपनी मांगों को लेकर किसान 14 फरवरी से हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इन किसानों ने सरकार के प्रतिनिधियों से मिलने के लिए दिल्ली का रुख किया था। लेकिन इन्हें हरियाणा बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। जिसके बाद किसानों ने वहीं पक्का मोर्चा लगाकर संघर्ष शुरू कर दिया। करीब पांच माह से चल रहे इस आंदोलन में कई किसानों की जान जा चुकी है लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से इस बारे में कोई सकारात्मक पहल अभी तक नहीं हुई है।
22 जुलाई को दिल्ली में होगी सभा
अब किसान संगठनों ने निर्णय लिया है कि आंदोलन को तेज किया जाए। इसी के चलते खन्नौरी सीमा पर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा की साझी बैठक की गई। इस दौरान किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि फैसला हुआ कि 22 जुलाई को दिल्ली के कांस्टीट्यूशनल क्लब में सभा की जाएगी। इसमें देशभर से विभिन्न किसान जत्थेबंदियों के नुमाइंदे पहुंचेंगे। वहीं, जाने-माने खेतीबाड़ी माहिर भी शिरकत करेंगे।
16 तारीख को साफ हो जाएगा किसानों का रूख
वहीं, डल्लेवाल ने कहा कि बैठक में 17 व 18 जुलाई को अंबाला के एसपी दफ्तर के घेराव को लेकर भी किसानों की ड्यूटियां लगाई गईं हैं। आगे बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए एफिडेफिट की कापी हासिल की जा रही है। इसके मिलते ही देखा जाएगा कि हरियाणा सरकार ने बैरीकेडिंग न हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में क्या तर्क दिए हैं। इसके बाद 16 जुलाई को चंडीगढ़ में मीडिया के सामने किसान जत्थेबंदियां अपना रूख साफ करेंगी कि आगे क्या किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट दे चुका हरियाणा सरकार को आदेश
हरियाणा व पंजाब के बीच शंभू बॉर्डर को सील करने के मामले में पिछले दिनों हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने तो इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि आखिर हरियाणा सरकार राष्टÑीय राजमार्ग को इतने लंबे समय तक कैसे बंद करके रख सकती है। इसके साथ ही आदेश दिए गए थे कि एक सप्ताह में प्रदेश सरकार बेरिकेड्स हटाते हुए राजमार्ग को पूरी तरह से खोले।
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