Punjab : जालंधर में ED की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में मेडिकल व्यापारी गिरफ्तार
जालंधर जोन की प्रवर्तन निदेशालय ED ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मेडिकल व्यापारी अभिषेक कुमार को गिरफ्तार किया है।
जालंधर जोन की प्रवर्तन निदेशालय ED ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मेडिकल व्यापारी अभिषेक कुमार को गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि उसने ट्रामाडोल और एल्प्राजोलम जैसी साइकोट्रॉपिक दवाओं को गैरकानूनी रूप से बेचकर करीब 3.75 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की। मंगलवार को आरोपी को मोहाली स्थित विशेष PMLA कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उसे 6 दिन की ED कस्टडी में भेज दिया।
NDPS केस से जुड़ी ED की जांच
यह कार्रवाई पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज NDPS एक्ट के एक केस से जुड़ी है। इस केस में इंटर-स्टेट स्तर पर ट्रामाडोल और एल्प्राजोलम की तस्करी के आरोप थे। ED ने अभिषेक और उसके सहयोगियों के 16 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें महत्वपूर्ण दस्तावेज, अकाउंट बुक्स और डिजिटल रिकॉर्ड बरामद हुए।
जांच में खुलासा हुआ कि अभिषेक इन दवाओं को फार्मा कंपनियों से वैध रूप से खरीदता था और फिर उन्हें ब्लैक मार्केट में ऊंचे दामों पर बेचता था, जहां इनका उपयोग नशे के रूप में किया जाता था। ED की जांच के अनुसार, अभिषेक की सांठगांठ कई फार्मा कंपनियों और सप्लायर्स से थी। ये दवाएं ड्रग पेडलर्स के जरिए ब्लैक मार्केट में रिटेल कीमत से कई गुना ज्यादा दामों पर बेची जाती थीं।
75% दवाएं बिना हिसाब के बेचीं
ED के मुताबिक, अभिषेक कुमार ने अपनी फर्म “श्री श्याम मेडिकल एजेंसी” के नाम पर दवाओं की बड़ी खेप खरीदी, लेकिन उसका करीब 75% स्टॉक बिना किसी रिकॉर्ड या बिल के बेचा गया। गैरकानूनी बिक्री को छिपाने के लिए बिलों में बॉक्सों की संख्या में हेराफेरी की जाती थी, ताकि दस्तावेजों में अवैध लेन-देन वैध दिखाया जा सके। एजेंसी के अनुसार, अब तक की जांच में करीब 3.75 करोड़ रुपये की मनी ट्रेल का पता चला है।
ED कर रही है जांच
ED अब यह जांच कर रही है कि ब्लैक मार्केट से कमाए गए पैसों को कहां निवेश किया गया और क्या इस नेटवर्क का हवाला चैनलों या अन्य राज्यों से संबंध है। सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में फार्मा कारोबार से जुड़े और लोगों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
क्या हैं साइकोट्रॉपिक दवाएं ?
साइकोट्रॉपिक दवाओं का इस्तेमाल का इस्तेमाल करने दिमाग के करने की क्षमता को बदलने में मदद मिलती है। हालांकि कई बार इन दवाओं का इस्तेमाल नशीले पदार्थों के साथ किया जाता है। जिससे इनकी लत लग सकती है।
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