Punjab By Election: जालंधर पश्चिम विस सीट पर दोपहर 1 बजे तक इतने प्रतिशत हुआ मतदान
अधिकारियों ने बताया कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और यह शाम छह बजे तक जारी रहेगा। मतगणना 13 जुलाई को की जाएगी
जालंधर पश्चिम में बहुकोणीय मुकाबला है। यहां प्रमुख राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी (आप), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और यह शाम छह बजे तक जारी रहेगा। मतगणना 13 जुलाई को की जाएगी।
भारत निर्वाचन आयोग के ‘वोटर टर्नआउट’ ऐप के अनुसार, दोपहर 1 बजे तक 34.40 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
उपचुनाव के लिए 15 उम्मीदवार मैदान में
कांग्रेस प्रत्याशी सुरिंदर कौर ने पत्रकारों से बातचीत में ‘आप’ (आम आदमी पार्टी) सरकार की आलोचना की और दावा किया कि लोग इस सरकार से तंग आ गए हैं। ‘आप’ प्रत्याशी मोहिंदर भगत ने विश्वास जताया कि लोग उनकी पार्टी की जीत सुनिश्चित करेंगे। कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को पौधे दिए गए। इस सीट पर कुल 1,71,963 पात्र मतदाता हैं, जिनमें से 89,629 पुरुष, 82,326 महिलाएं और आठ ट्रांसजेंडर शामिल हैं।
जालंधर पश्चिम सीट शीतल अंगुरल के ‘आप’ विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हो गई थी। वह मार्च में भाजपा में शामिल हो गए थे। वपंजाब में सत्तारूढ़ ‘आप’ ने मोहिंदर भगत को मैदान में उतारा है, जो पूर्व मंत्री और भाजपा के पूर्व विधायक भगत चुन्नी लाल के बेटे हैं। वहीं, कांग्रेस ने सुरिंदर कौर पर दांव लगाया है, जो जालंधर की पूर्व वरिष्ठ उप-महापौर और पांच बार की नगर निगम पार्षद हैं।
दूसरी ओर, भाजपा ने शीतल अंगुरल को मैदान में उतारा है
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पहले सुरजीत कौर को टिकट दिया था, लेकिन पार्टी ने बाद में उनसे समर्थन वापस ले लिया। शिअद ने बाद में जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव में बसपा उम्मीदवार बिंदर कुमार का समर्थन करने की घोषणा की। इस उपचुनाव को मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए अग्निपरीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है, जिन्होंने लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) के खराब प्रदर्शन के बाद उपचुनाव में जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। ‘आप’ ने पंजाब में 13 संसदीय सीटों में से महज तीन पर जीत हासिल की।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के लिए भी यह उपचुनाव महत्वपूर्ण है जो 13 लोकसभा सीटों में से सात पर जीत दर्ज करने के बाद जालंधर पश्चिम सीट पर भी अपने उम्मीदवार को विजयी देखना चाहती है।
भाजपा के लिए भी यह प्रतिष्ठा का सवाल है जो लोकसभा चुनाव में राज्य में एक भी सीट न जीत पाने के बाद जालंधर पश्चिम सीट से जीत का स्वाद चखना चाहती है।
What's Your Reaction?