UP बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर सियासी हलचल तेज, आज नामांकन, पंकज चौधरी का नाम सबसे आगे
भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन। आज बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जिसे लेकर दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं।
देश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाला राज्य उत्तर प्रदेश एक बार फिर राजनीतिक सुर्खियों में है। वजह है भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन। आज बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जिसे लेकर दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं।
नामांकन प्रक्रिया की जिम्मेदारी डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य को
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की पूरी व्यवस्था को दो चरणों में बांटा गया है। नामांकन प्रक्रिया की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को सौंपी गई है, जबकि 14 जनवरी को होने वाले चुनाव कार्यक्रम की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक निभाएंगे। इसे बीजेपी संगठन की ओर से एक सुव्यवस्थित और रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
बीते कई दिनों से पार्टी के भीतर संभावित नामों को लेकर लंबा मंथन चल रहा है। संगठन और सरकार के बीच तालमेल, आगामी चुनावों की रणनीति, सामाजिक संतुलन और क्षेत्रीय समीकरण इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए नाम तय किए जाने की चर्चा है। इसी वजह से अब तक औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है और सस्पेंस बना हुआ है।
सातवीं बार के सांसद पंकज चौधरी कर सकते हैं नामांकन
इस बीच एक अहम जानकारी सामने आई है। केंद्र सरकार में वित्त राज्यमंत्री और महाराजगंज से सातवीं बार सांसद पंकज चौधरी आज प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, उनके नाम पर पिछले कई दिनों से गंभीरता से विचार किया जा रहा है और अब उनके औपचारिक रूप से चुनावी मैदान में उतरने की संभावना जताई जा रही है। पंकज चौधरी का नाम इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि वे OBC समाज से आते हैं। ऐसे में उनका अध्यक्ष बनना राजनीतिक और सामाजिक संतुलन के लिहाज से बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकता है। उत्तर प्रदेश में OBC वर्ग की बड़ी आबादी को देखते हुए यह फैसला आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों की रणनीति से भी जुड़ा माना जा रहा है।
हालांकि, बीजेपी की राजनीति अक्सर आखिरी समय में चौंकाने वाले फैसलों के लिए जानी जाती है। यही कारण है कि पार्टी के भीतर यह चर्चा भी जोर पकड़ रही है कि अंतिम क्षणों में किसी और चेहरे का नाम सामने आ सकता है। इस अनिश्चितता ने सियासी गलियारों में उत्सुकता और बढ़ा दी है।
फिलहाल, सबकी निगाहें आज होने वाली नामांकन प्रक्रिया और उसके बाद 14 जनवरी को होने वाले चुनाव कार्यक्रम पर टिकी हुई हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिहाज से यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि आने वाले समय में यही नेतृत्व पार्टी की दिशा और रणनीति तय करेगा।
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