संसद शीतकालीन सत्र 2024: 27 नवंबर तक लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही स्थागित
आज से संसद का शीतकालीन सत्र 2024 शुरू हो गया है, जो 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में केंद्र सरकार ने 16 महत्वपूर्ण विधेयकों को चर्चा और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है। सत्र की शुरूआत पीएम मोदी के अभिभाषण से हुई जिसके बाद दोनों सदनों में हंगामा देखा गया. जहां अब लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को 27 नवंबर तक स्थागित कर दिया गया है।
आज से संसद का शीतकालीन सत्र 2024 शुरू हो गया है, जो 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में केंद्र सरकार ने 16 महत्वपूर्ण विधेयकों को चर्चा और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है। इन विधेयकों में वक्फ (संशोधन) विधेयक सबसे प्रमुख है, जिस पर खास नजरें होंगी। सत्र की शुरूआत पीएम मोदी के अभिभाषण से हुई जिसके बाद दोनों सदनों में हंगामा देखा गया. जहां अब लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को 27 नवंबर तक स्थागित कर दिया गया है।
पीएम मोदी ने बताया कि संसद से क्या संदेश जाना चाहिए
शीतकालीन सत्र के विधायी एजेंडे में क्या है खास?
शीतकालीन सत्र में वक्फ (संशोधन) विधेयक के अलावा, केंद्र सरकार कई अन्य विधेयकों पर भी चर्चा करेगी, जो सामाजिक, आर्थिक और कानूनी सुधारों से जुड़े हैं। यह सत्र आगामी लोकसभा चुनावों से पहले का आखिरी पूर्णकालिक सत्र हो सकता है, इसलिए सरकार इसे प्रभावी बनाने की कोशिश करेगी।
वक्फ (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। यह बिल समुदायों के हितों की रक्षा और विवादों के समाधान के लिए नए प्रावधान लेकर आएगा।
सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने उठाए मुद्दे
सत्र से पहले रविवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक हुई। इस बैठक में विपक्ष ने मणिपुर हिंसा, प्रदूषण, महंगाई और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग रखी। विपक्ष ने सरकार से इन समस्याओं पर जवाबदेही सुनिश्चित करने को कहा।
सत्र की चुनौतियां और उम्मीदें
इस शीतकालीन सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने की संभावना है। जहां सरकार विधेयकों को पारित कराने की कोशिश करेगी, वहीं विपक्ष अपनी मांगों को जोर-शोर से उठाएगा। मणिपुर हिंसा और प्रदूषण के मुद्दे सदन में गहमागहमी का कारण बन सकते हैं।
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