विधानसभा उपाध्यक्ष कृष्ण मिड्ढा ने कांग्रेस को बताया हार के सदमे से बाहर निकलने का तरीका
उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता ने कांग्रेस को विपक्ष में भेजा है, लेकिन पार्टी जनता की आवाज उठाने की बजाय विरोध और अनावश्यक विवादों में उलझी हुई है।
चंद्रशेखर धरणी : विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से जहां कांग्रेस उसके कारणों की जांच के लिए लगातार मंथन करते हुए ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगा रही है। वहीं, भाजपा नेताओं की ओर से भी उन पर लगातार पलटवार करते हुए नसीहत देने का काम भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए जनता के लिए जिम्मेदारी से काम करने की वकालत की। डॉ. मिड्ढा ने कहा कि कांग्रेस अभी भी अपनी हार के सदमे से बाहर नहीं आई है। उन्हें अपना मानसिक इलाज करवाना चाहिए। इलाज में अगर कोई दवा काम न आए तो झाड़-फूंक करवाकर गंडा-ताबीज का सहारा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता ने कांग्रेस को विपक्ष में भेजा है, लेकिन पार्टी जनता की आवाज उठाने की बजाय विरोध और अनावश्यक विवादों में उलझी हुई है।
‘कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं’
डॉ. भीमराव अंबेडकर के बयानों को लेकर कांग्रेस के विरोध पर मिड्ढा ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। कभी संविधान को लेकर विरोध करते हैं तो कभी डॉ. अंबेडकर का नाम लेकर जनता को गुमराह करने की कोशिश करते हैं। इससे पता चलता है कि कांग्रेस जानबूझकर बेकार के मुद्दे उठा रही है। शीतकालीन सत्र में लगातार हो रहे हंगामे को लेकर डॉ. मिड्ढा ने सांसदों और विधायकों की जिम्मेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सत्र चलाने में बहुत पैसा खर्च होता है, जो देशवासियों का है। जनता ने आपको चुनकर भेजा है, उनकी उम्मीदें आपके कंधों पर हैं। हंगामे में सदन का समय बर्बाद करने की बजाय जनहित के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। डॉ. मिड्ढा ने विपक्ष से जिम्मेदारी से काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जनता ने नेताओं को सदन में उनके मुद्दे उठाने और समाधान निकालने के लिए चुना है। अनावश्यक हंगामे और प्रदर्शन से न केवल संसदीय प्रक्रिया बाधित होती है, बल्कि देश का विकास भी बाधित होता है।
‘जंगी घोड़े हमेशा तैयार’
निकाय चुनाव को लेकर विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उसके जंगी घोड़े चुनाव के लिए हर समय तैयार रहते है। हाल ही में विधानसभा चुनाव हुए और उससे पहले लोकसभा का चुनाव हुआ था। सभी ने मिलकर अच्छे ढंग से चुनाव लड़ने का काम किया। लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा को पांच सीट मिली, वहीं, विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया। अब निकाय चुनाव में भी बीजेपी सभी सीटों पर अपने मेयर और पार्षद बनाने का काम करेगी।
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