अब विदेशी भक्त भी खुलकर दे सकेंगे दान, बांके बिहारी मंदिर को मिल गया ये अधिकार
मंदिर के संचालन के लिए कोर्ट की ओर से गठित प्रबंध समिति ने इस लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। कोर्ट की मंजूरी के बाद इस आवेदन की प्रक्रिया पूरी हुई।
Banke Bihari Temple: केंद्र सरकार ने वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर को FCRA लाइसेंस दे दिया है। यानी अब विदेशी श्रद्धालु मंदिर में खुलकर दान कर सकेंगे। मंदिर के संचालन के लिए कोर्ट की ओर से गठित प्रबंध समिति ने इस लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। कोर्ट की मंजूरी के बाद इस आवेदन की प्रक्रिया पूरी हुई।
कोर्ट की ओर से गठित प्रबंध समिति के आवेदन के मुताबिक मंदिर के खजाने में काफी विदेशी मुद्राएं हैं और उनका इरादा भविष्य में भी विदेशों से दान प्राप्त करने का है। आपको बता दें कि बांके बिहारी मंदिर का प्रबंधन फिलहाल कोर्ट ही कर रहा है। इसके प्रबंधन के लिए कोर्ट ने एक समिति बनाई है जो इसका कामकाज देखती है। मंदिर पहले निजी प्रबंधन के अधीन था। इसका प्रबंधन पुजारी परिवार करता था। बांके बिहारी मंदिर का निर्माण 550 साल पुराना है।
पीढ़ी दर पीढ़ी यहां पूजा और प्रबंधन का काम पुजारी परिवार ही देखते आ रहे हैं। सेवायत गोस्वामी, सारस्वत ब्राह्मण और स्वामी हरिदास के वंशज इस मंदिर का संचालन करते आ रहे हैं। राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद इस मंदिर का प्रबंधन न्यायालय द्वारा गठित समिति द्वारा देखा जा रहा है।
विदेशों से दान लेना है तो जरूरी है FCRA रजिस्ट्रेशन
राज्य सरकार के सूत्रों के अनुसार, मंदिर के पास वर्तमान में 480 करोड़ रुपये का कोष है, जिसमें सोना, चांदी और अन्य कीमती सामान शामिल हैं। इसमें विदेशी धन भी शामिल है। इस विदेशी दान का उपयोग करने और भविष्य में विदेशी दान प्राप्त करने के लिए मंदिर को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत पंजीकरण की आवश्यकता थी। FCRA, 2010 के तहत, NGO और समूहों के लिए विदेश से किसी भी तरह का धन प्राप्त करने के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया था।
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