हरियाणा में नौकरशाही के बाद राजनेता बनने की तैयारी में कईं पूर्व अधिकारी, चुनावी रण में जताई दावेदारी
गर्मी के मौसम में हरियाणा में राजनीतिक पारा भी धीरे-धीरे गर्म होने लगा है। राजनीतिक दलों में जहां इन दिनों टिकट वितरण को लेकर मंथन किया जा रहा है।
चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : गर्मी के मौसम में हरियाणा में राजनीतिक पारा भी धीरे-धीरे गर्म होने लगा है। राजनीतिक दलों में जहां इन दिनों टिकट वितरण को लेकर मंथन किया जा रहा है। वहीं, प्रदेश के कई रिटायर्ड अधिकारियों ने भी चुनावी मैदान में उतरने का मन बनाया है। इनमें कई रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और एचसीएस अधिकारियों के अलावा कई रिटायर्ड जज भी टिकट के लिए आवेदन कर चुके हैं। अधिकतर अधिकारियों ने बीजेपी और कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है।
टिकट की चाह रखने वाले कई पूर्व अधिकारी तो खुलकर सामने आ गए है, जबकि कुछ अभी भी गुप्त रूप से अपने राजनीतिक आकाओं के दरबार में हाजरी लगा रहे हैं। विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक सेवानिवृत्त अधिकारियों में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चंद्र प्रकाश, वजीर सिंह गोयत, आरएस वर्मा और विनय सिंह यादव, सेवानिवृत्त आईपीएस सुभाष यादव, रिटायर्ड जज राकेश यादव और रिटायर्ड एचसीएस अधिकारी अमरजीत सिंह जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर कांग्रेस सांसद बने रिटायर्ड आईएएस बृजेंद्र सिंह सोनीपत और हिसार संसदीय क्षेत्र के किसी हलके और रिटायर्ड आईआरएस अधिकारी तथा भाजपा की पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल सिरसा जिले के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से टिकट की प्रबल दावेदार हैं।
पिछले साल सितंबर में रिटायर हो चुके 2003 बैच के आईएएस अधिकारी विनय सिंह यादव नांगल चौधरी (महेंद्रगढ़) से कांग्रेस का टिकट चाहते हैं। यहीं से 2014 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर दो बार से विधायक बनते आ रहे सिंचाई एवं जल संसाधन तथा सैनिक एवं अर्ध सैनिक कल्याण विभाग के राज्यमंत्री अभय सिंह यादव भी लगातार तीसरी बार भाजपा टिकट के दावेदार हैं। एक ही गांव के रहने वाले दोनों नौकरशाहों को टिकट मिला तो मुकाबला रोमांचक होगा।
पिछले साल फरवरी में सेशन जज के पद से रिटायर हुए राकेश यादव नारनौल से कांग्रेस का टिकट मांग रहे हैं। लोकसभा चुनाव में टिकट से चूके पूर्व आईएएस अधिकारी चंद्र प्रकाश अब हिसार के नलवा से टिकट के दावेदार हैं। ओबीसी वर्ग में आने वाले चंद्र प्रकाश के चाचा रामजी लाल राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं और वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। इसी तरह सेवानिवृत्त आईएएस आरएस वर्मा भी नलवा या बरवाला से चुनाव लड़ना चाहते हैं। रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी सुभाष यादव अटेली से कांग्रेस का टिकट चाहते हैं। पूर्व आईएएस वजीर सिंह गोयत और राज्यपाल के ओएसडी रहे रिटायर्ड एचसीएस अधिकारी अमरजीत सिंह भी अलग-अलग पार्टियों से टिकट के चाहवान हैं। इसके अलावा रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी वी कामराजा भी राजनीति में एंट्री करने को तैयार हैं।
राजनीति में चमके ये अधिकारी
मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के साथ लोगों के बीच रहने वाले कईं अफसरों को राजनीति खूब रास आई है। हालांकि इनमें पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आईडी स्वामी, कृपा राम पूनिया और अभय सिंह यादव को छोड़कर कोई अधिकारी हरियाणा की राजनीति में अभी तक खुद को स्थापित नहीं कर पाया। स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रह चुके आईडी स्वामी हरियाणा काडर के आईएएस रहे हैं। एचसीएस से आईएएस बने स्वामी कमिश्नर के पद तक पहुंचे थे।
आईडी स्वामी के दामाद आईपीएस अधिकारी रणबीर शर्मा ने अपनी खुद की लोक स्वराज पार्टी बनाई हुई है। इसी तरह 1985-86 में रिटायर होकर चुनाव लड़ने वाले कृपा राम पूनिया को देवीलाल ने अपनी सरकार में मंत्री तक बनाया। पूनिया बसपा में भी रहे। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी आरएस चौधरी इनेलो की सक्रिय राजनीति कर रहे हैं। रिटायर्ड आईएएस युद्धवीर ख्यालिया हिसार से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी प्रदीप कासनी कांग्रेस में टिकट के लिए सक्रिय हैं।
दो डीजीपी और एक एडीजीपी ने भी की राजनीति
रिटायर्ड डीजीपी हंसराज स्वान राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय रहे। उन्होंने कई साल तक भाजपा की राजनीति की। रिटायर्ड एडीजीपी रेशम सिंह का लगाव भी भाजपा से रहा है, जबकि रिटायर्ड डीजीपी महेंद्र सिंह मलिक इनेलो की सक्रिय राजनीति कर रहे हैं। महेंद्र सिंह मलिक जाट सभा के प्रधान भी हैं और ओमप्रकाश चौटाला व अभय चौटाला के प्रति उनकी खासी निष्ठा है।
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